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Showing posts from April, 2020

तुम दुनिया से जरूर गऐ लेकिन हमारे दिल से नहीं...

कोरोना संकट से अभी दुनिया उभर भी नहीं पाई है कि हमें एक और काला समाचार मिल गया। जी हॉं... हम हिंदी सिनेमा के एक बेहतरीन और जाने-माने सितारे ऋषि कपूर के बारे में बात कर रहे हैं।अब हमारे बीच चांदनी फिल्म के रोहित गुप्ता नहीं रहे।

अभिनेता ऋषि कपूर को श्रद्धांजलि

फिल्म अभिनेता ऋषि कपूर का 30 अप्रैल को मुंबई में कैंसर से निधन हो गया। बुधवार को सांस लेने में तकलीफ की वजह से उन्हें मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। ऋषि‌ कपूर पिछले साल सितंबर महीने में न्यूयॉर्क से कैंसर का इलाज कराके मुंबई लौटे थे।

महिला सशक्तीकरण की प्रतिमूर्ति रही हैं जानकी: विभय कुमार झा

आज जानकी नवमी है यानी जगतजननी सीता का प्रकाटय दिवस। स्वयंसेवी संस्था अभ्युदय के अध्यक्ष विभय कुमार का कहना है कि आज हम कितना भी महिला सशक्तीकरण की बात कर लें, लेकिन सत्य तो यही है कि जितना अधिक महिला सशक्तीकरण मिथिला में रहा है, वैसा उदाहरण कहीं और नहीं मिलता है।

प्रकृति का सुहाना मोड़

सड़कों पर सन्नाटा, दफ्तरों, कारखानों और सावर्जनिक स्थानों पर पड़े ताले से भले ही मानव जीवन में ठहराव आ गया है, लेकिन लॉकडाउन के बीच प्रकृति एक नयी ताजगी महसूस कर रही है। हवा, पानी और वातावरण साफ हो रहे हैं। हम इंसानों के लिए कुछ समय पहले तक ये एक सपने जैसा था। इन दिनों प्रकृति की एक अलग ही खूबसूरती देखने को मिल रही हैं जो वर्षों पहले दिखाई देती थी।

नहीं रहे बॉलीवुड स्टार इरफान खान

बॉलीवुड एक्टर इरफान खान का बुधवार, 29 अप्रैल को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 53 साल के थे। इरफान को न्योरेंडॉक्राइन कैंसर था। एक दिन पहले ही उन्हें कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। इरफान अपने पीछे अपनी पत्नी सुतापा और 2 बेटे बबिल और अयान को छोड़ गए हैं। अभी हाल में 4 दिन पहले उनकी अम्मी सतीदा बेगम का निधन जयपुर में हो गया था। इरफान खान का जन्म 9 जनवरी 1949 को जयपुर, राजस्थान में हुआ था। उनका पूरा नाम शहाबजादे इरफान अली खान था। 23 फरवरी, 1995 को उन्होंने सुतपा सिकदर के साथ शादी की। वह 85 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय कर चुके थे। उनमें से कुछ फिल्म हैं- हिंदी मीडियम, ब्लैकमेल, द लंचबॉक्स, अंग्रेजी मीडियम, पिकू, करीब-करीब सिंगल, बिल्लू, मदारी, पान सिंह तोमर, हैदर और कारवां। इरफान खान हॉलीवुड में भी जाना-पहचाना नाम था। उन्होंने द वारियर, द नमसेक, रोग जैसी फिल्मों के जरिए अपनी अभिनय क्षमता का लोहा मानवाया था। सन 2011 में उन्हें पद्मश्री से सम्मनित किया गया था। 2012 में इरफान खान को फिल्म पान सिंह तोमर में अभिनय के लिए श्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस

इरफान खान के निधन पर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय ने जताया शोक

फिल्म अभिनेता इरफान खान का बुधवार, 29 अप्रैल को निधन हो गया। मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में उन्होंने 54 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। इरफान काफी लंबे समय से बीमार थे। इरफान खान के निधन पर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD) के प्रभारी निदेशक प्रो. सुरेश शर्मा ने शोक प्रकट किया है। प्रो. सुरेश शर्मा ने कहा कि आज राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय ने अपने परिवार के एक अत्यंत मेधावी और प्रतिभावान सदस्य को तो खोया ही है, ये भारतीय कला और सिने जगत के लिए भी एक अपूर्णीय क्षति है। इरफान खान की पत्नी सुतापा सिकदर विद्यालय में उनकी सहपाठी थीं। दुख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवार को हम भावपूर्ण श्रद्धांजलि प्रेषित करते हैं। उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अभिनेता इरफान राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के सन् 1987 के स्नातक थे। उन्होंने यहां से अभिनय विशेषज्ञता में अपना प्रशिक्षण पूरा किया। अपने छात्र जीवन के दौरान इरफान द्वारा अभिनीत कुछ महत्वपूर्ण प्रस्तुतियां थीं कार्लो गोल्डोनी कृत द फ़ैन, मैक्सिम गोर्की का नाटक लोअर डेप्थस, ज्यां आनुई का लड़ाकू मुर्ग़ा तथा रूसी नाटककार की रचना ऐसेंट ऑफ़ फ्यूजियामा

कोरोना के कोहराम में प्लाज्मा थेरेपी रामवाण हो सकता है डुबते को तिनका सहारा

कोरोना जैसी बैfश्वक महामारी के दंश से भारत ही नहीं ,वरन सम्पूर्ण विश्व में कोहराम मचा है, सम्पूर्ण मानव जाति / अपने आप को महाशक्ति के राष्ट्राध्यक्ष अपने आप को सर्वाच्य  शक्ति मानते हुए परमाणु बम की घमकी बातों बात देते थे,वह महाशक़ि आज कोरोना के सुक्ष्म वायरस कं आगे घुटने टेकने को विवश है, ऐसे में प्लाज्मा थेरेपी इन दिनों काफी सुर्खियों में है, इसे वर्तमान समय में फैली महामारी के इलाज के कारगर तरीके के रूप में देखा जा रहा है। इन दिनों प्लाज्मा थेरेपी पर अनुसंधान किया जा रहा है, ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि इससे कोरोनावायरस का इलाज संभव है अथवा नहीं। इसी कारण, लोगों के मन में इस थेरेपी को लेकर काफी सारे सवाल हैं, जैसे प्लाज्मा थेरेपी क्या है, इसका इस्तेमाल कैसे और कब किया जाता है इत्यादि। हालांकि, वे इन सवालों का उत्तर जानने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें संतुष्टि नहीं मिल पा रही है। यदि आप भी इस थेरेपी के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो आपको इस लेख को ज़रूर पढ़ना चाहिए क्योंकि इसमें हम प्लाज्मा थेरेपी की पूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं। प्लाज्मा थेरेपी क्

मधुबनी में कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद प्रशासन ने उठाए त्वरित कदम

मधुबनी में कोरोना पॉजिटिव पांच लोगों के मिलने के बाद जिस तरह से जिला प्रशासन ने उनके घर को चिन्हित करते हुए 3 किमी के क्षेत्र को कंटेनमेंट एरिया घोषित किया है वह प्रशंसनीय है। इससे कोरोना के फैलने की आशंका पूरी तरह से खत्म की जाएगी। प्रेस एसोसियेशन के कोषाध्यक्ष और मिथिला विकास के लिए कार्यरत संतोष ठाकुर ने कहा कि कोरोना पॉजिटिव मिलने पर बिना समय गंवाए 3 किमी का एरिय कंटेंमेंट क्षेत्र घोषित करना प्रशासनिक दक्षता और सजगता को साबित करता है। इसके लिए जिला अधिकारी डा. नीलेश के कदम प्रशंसनीय है। संतोष ठाकुर ने कह कि बिहार का मधुबनी जिला कोरोना पर प्रभावी रोक लगाने के लिए देश भर में प्रशंसा हासिल कर रहा है। जिस तरह से नेपाल के साथ खुली सीमा होने के बाद भी डा. नीलेश देओरे ने यहां पर सीमाबंदी की वह उल्लेखनीय है। संतोष ठाकुर ने कहा कि कलुआही, भौआड़ा, मधेपुर, झंझारपुर ऐसे स्थान है जो काफी अंदर की ओर है। ऐसे में लॉकडाउन के एक महीने के बाद वहां पर पॉजिटिव केस मिलना कुछ संदेह भी उत्पन्न करता है। इसकी जांच होनी चाहिए कि क्या वे बाहर से आए हैं। अगर हां तो उन्हें क्या बिना जांच के आने दिया गया। यहां आ

समाजसेवा कोई करें, भला तो जनता का ही होगा: विभय कुमार झा

पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने मानवीय समाज को अंत्योदय की परिकल्पना दी। उनकी इच्छा थी कि समाज के निचले तबके तक योजनाओं का लाभ पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार इस मंशा से काम कर कर रही है। संघ के स्वयंसेवक भी जमीनी स्तर पर समस्याओं के समाधान के लिए लगातार कार्य कर रहते हैं। वर्तमान में जिस प्रकार से कोरोना महामारी के कारण पूरी व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो चुकी है, वैसे में हम जैसे समाज से जुडे लोगों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। गांव-कस्बा का एक भी व्यक्ति भूख से नहीं व्याकुल हो, यही हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके लिए अभ्युदय संस्था लगातार कार्य कर रही है। बीते 25 साल से अभ्युदय सामाजिक और सांस्कृतिक उत्थान के लिए कार्य कर रही है। ये कहना है कि स्वयंसेवी संस्था अभ्युदय के वर्तमान अध्यक्ष विभय कुमार झा का। अभ्युदय के अध्यक्ष विभय कुमार झा ने कहा कि हमें गर्व का अनुभव होता है कि मैं भारतीय जनता पार्टी से जुड़ा हूं। पार्टी नेताओं के द्वारा जब भी कोई जिम्मेदारी दी गई है, मैंने उसको बेहतर निर्वहन किया है। मिथिला की माटी में जन्म लेने के कारण मेरा यह पुनीत कर्तव्य है कि

राशन दुकानों का औचक निरीक्षण हो, हर गरीब को मिले अनाज

नया मिथिला- नया बिहार अभियान के संयोजक और पत्रकार संतोष ठाकुर ने बिहार सरकार से मांग की है कि राशन दुकानों का औचक निरीक्षण हो और यह सुनिश्चित किया जाए कि हर गरीब को अनाज मिले। उन्होंने कहा कि यह शिकायत आ रही है असली जरूरतमंदो के अनाज को कई जगह उन्हें न देकर काला बाजार में बेचा जा रहा है। इन आरोपों की जांच होनी चाहिए। मिथिलांचल में इसको लेकर अभियान तेज किया जाना चाहिए। उन्होंने रमजाान शुरू होने की शुभकामना भी दी और कहा कि रमजान पवित्रता का महीना है। इस दौरान हमें सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क प्रयोग को अपनाते रहना चाहिए। उन्होंने सभी से आरोग्य सेतु डाउनलोड करने की अपील भी की। संतोष ठाकुर ने कहा कि बिहार में करीब 14 लाख और मिथिलांचल में भी लाखों लोगों के पास राशनकार्ड नहीं हैं। उन्हें भी संकट की इस घड़ी में राशन मिलना चाहिए। नियमों की आड़ में उनका हक नहीं छिनना चाहिए। उन्हें भूखे पेट न सोना पड़े, यह देखना चाहिए। नया मिथिला-नया बिहार अभियान के संयोजक व पत्रकार संतोष ठाकुर ने कहा कि मधुबनी, दरभंगा सघन जिला है। यहां पर बेनीपटटी, मधुबनी सहित कई विधानसभा क्षेत्र हैं जो काफी सघन है। ऐसे में यहां प

पत्रकारों का कोरोना टेस्ट, बीमा और किसानों को मुआवजा देने की मांग

कोरोना संक्रमण के प्रकोप को देखते हुए प्रेस एसोसिएशन ने मांग की है कि सरकार सभी पत्रकारों को मुफ्त कोरोना जांच की सुविधा दे साथ ही फील्ड में जाने वाले पत्रकारों को कोरोना योद्धा मानते हुए 50 लाख रुपए की बीमा गारंटी दे. प्रेस एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष संतोष ठाकुर ने कहा कि इस योजना में ना केवल शहरों बल्कि मधुबनी, दरभंगा, भागलपुर और अन्य ग्रामीण क्षेत्र के पत्रकारों को भी शामिल किया जाए. वह दिन रात फील्ड में रहकर जान की बाजी लगाते हुए जनता तक समाचार पहुंचाने का कार्य करते हैं. साथ ही सरकार को भी सजग प्रहरी बनकर जमीनी हकीकत से अवगत कराते हैं. प्रेस एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष संतोष ठाकुर ने कहा कि न केवल दिल्ली, मुंबई, पटना बल्कि देश के लाखों लाख पत्रकार इस समय कोरोना योद्धा के रूप में कार्यरत हैं. ऐसे में उन्हें भी सामाजिक सुरक्षा और कोरोना टेस्ट की सुविधा उपलब्ध कराने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मिथिलांचल में लोगों पर दोहरी मार पड़ी है. एक और कोरोना है. तो, दूसरी ओर ओलावृष्टि ने नुकसान किया है. राज्य सरकार ने इसको लेकर कदम भी उठाए हैं. लेकिन इस समय स्थितियों की वजह से कई किसान जिसमें खासकर बाह

बेनीपट्टी विधानसभा क्षेत्र मे भाजपा के टिकट को लेकर प्रतिस्पर्धा बढ़ी

बिहार में मधुबनी जिला की बेनीपट्टी विधानसभा सीट को लेकर भाजपा के अंदर प्रतिस्पर्धा बढ़ती दिख रही है. यहां से वरिष्ठ पत्रकार संतोष ठाकुर का नाम भी तेजी से सामने आ रहा है. दिल्ली में राष्ट्रीय राजनीति और केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ ही भाजपा की गतिविधियों को कवर करने वाले संतोष ठाकुर लंबे समय से मिथिला और मैथिली के अभियानों से जुड़े रहे हैं. बेनीपट्टी क्षेत्र में विकास कार्यों को लेकर भी वह सक्रिय रहे हैं. मूल रूप से मधुबनी जिला के रहने वाले संतोष ठाकुर पत्रकारिता कार्यों को लेकर कई देशों की यात्रा कर चुके हैं. अमेरिका सरकार के प्रतिष्ठित आईवीएलपी फैलोशिप के तहत वह करीब  एक महीना अमेरिका के 5 राज्यों का भी दौरा कर चुके हैं. दिल्ली में मिथिला मैथिली के लिए लगातार संघर्ष करने वाले संतोष ठाकुर कई रेलगाड़ियों के जयनगर और मिथिलांचल के अन्य क्षेत्रों में विस्तार के लिए भी संघर्षरत रहे हैं. मिथिलांचल में एम्स जल्द शुरू करने को लेकर भी वह लगातार सरकारी विभागों के साथ संपर्क में लगे हुए हैं. उचैठ स्थान को एक राष्ट्रीय स्तर का धार्मिक स्थल बनाने के लिए भी वह पर्यटन विभाग और अन्य केंद्रीय मंत्रालयो