भारतीय संविधान के अनुसार प्राथमिक शिक्षा सबके लिए अनिवार्य है। किन्तु इस अनिवार्यता के बावजूद दुर्भाग्यवश स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में भी देश की कुल जनसंख्या का 36.90 फीसदी हिस्सा आज भी निरक्षर है। मुस्लिमों में तो यह निरक्षरता दर 42.7 फीसदी है। यदि महिलाओं की बात करो तो ये आंकड़े और भी भयावय हैं। देश की 66 प्रतिशत मुस्लिम महिलाएं आज भी निरक्षर हैं। उच्च शिक्षा में तो इनकी भागीदारी मात्र 3.56 प्रतिशत ही है जो कि अनुसूचित जातियों के अनुपात 4.25 प्रतिशत से भी कम हैं।