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Showing posts from November, 2022

 इस बार एनआईटीटीटीआर-चंडीगढ़ में लगेगा मीडिया चौपाल

'मीडिया चौपाल' संचारकर्मियों के वैचारिक आदान-प्रदान का एक सशक्त माध्यम है। मीडिया और समाज के सम्बन्धों को सुदृढ़ बनाने के लिए वर्ष 2012 में 'मीडिया चौपाल' की शुरुआत हुई थी। तब से यह चौपाल अलग-अलग जगह लग रहा है और संचारविदों के ज्ञान एवं अनुभव से सबको लाभान्वित कर रहा है। इस वर्ष के 'मीडिया चौपाल' का आयोजन दि. 02 से 04 दिसंबर, 2022 को राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईटीटीटीआर) चंडीगढ़ में होगा और विचार-विमर्श का केन्द्रीय विषय “अमृतकाल में भारत अभ्युदय : चुनौतियाँ एवं संकल्प” है।

 दिल्ली का अपना कविता और शायरी का उत्सव: दिल्ली पोएट्री फेस्टिवल सीज़न 6

दिल्ली पोएट्री फेस्टिवल ऐतिहासिक शहर दिल्ली के सांस्कृतिक और काव्य विरासत को बचाने, पुनर्जीवित करने और उसका जश्न मनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस साल दिल्ली पोएट्री फेस्टिवल चार अलग-अलग भाषाओं- हिंदी, उर्दू, पंजाबी और अंग्रेज़ी में ख़ास अंदाज़ में शायरी और कविता का जश्न मनाएगा। अन्य भारतीय भाषाओं के कवि भी कविता और शायरी को समर्पित इस इकलौते उत्सव में भाग लेंगे। इस कविता उत्सव में कविता के इर्द-गिर्द होने वाली चर्चाओं पर रौशनी डालने के लिए कई वक्ता मौजूद होंगे, आपका मन मोह लेने के लिए कई कलाकार मौजूद होंगे और कवितायेँ और शायरी ऐसी होंगी जो आपके रूह में उतर जाएंगी।

एक मां और बच्चे के रिश्ते की कहानी दिखाती है मैथिली फिल्म 'लोटस ब्लूम्स'

अपनी मैथिली फीचर-फिल्म 'लोटस ब्लूम्स' के पीछे की प्रेरणा के बारे में बात करते हुए निर्देशक प्रतीक शर्मा ने कहा कि इसके पीछे का विचार था प्रकृति के साथ एक इंसान के जीवन की भावनात्मक यात्रा को दिखाना जिसके साक्षी लोग हैं। लेकिन वे इस संदेश को मनोरंजक तरीके से पहुंचाना चाहते थे। पटकथा लेखिका अस्मिता शर्मा ने 'लोटस ब्लूम्स' के केंद्रीय विषय के बारे में बताया कि ये कायनात किसी के लिए जो योजना बनाती है, वो हमेशा पूरी होती है और कभी-कभी

टेकशॉट्स और VESIT मिलकर बनाएंगे आईटी जगत के खरीद संबंधी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल

मेसी डेस्‍क मीडिया की सहायक कंपनी एवं नए जमाने की इन्‍फॉर्मेशन ऐप टेकशॉट्स और मुंबई के इंजीनियरिंग कॉलेज विवेकानंद एजूकेशन सोसायटीज इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी(VESIT) के बीच एक करार पर हस्‍ताक्षर हुए हैं। यह समझौता आईटी जगत के खरीद संबंधी पैटर्न का पूर्वानुमान करने वाले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(एआई) टूल्स को तैयार करने के लिए किया गया है।

 महान संगीत रचने के लिये लय और पद्य के बीच विवाह सरीखे मधुर सम्बंध होने चाहिए- प्रसून जोशी

शब्दों के उस्ताद खिलाड़ी प्रसून जोशी ने कहा है कि महान संगीत की रचना के लिए कवि के पद्य और संगीतकार की लय के बीच विवाह सरीखे मधुर सम्बंध होने चाहिए। श्री जोशी 53वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के दौरान 22 नवंबर को गोवा में आयोजित एक संवाद-सत्र में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, “गीतकार और संगीतकार के बीच का रिश्ता दो विपरीत प्राणियों का एक साथ रहने जैसा होता है, लेकिन दोनों को हमेशा एक-दूसरे का पूरक होना चाहिए।”

  क्‍या उस समाज में महिलाएं वास्तव में सुरक्षित हैं जहां हम महिलाओं को सशक्‍त कहते हैं?

जब हम किसी समाज में महिलाओं को सशक्त बताते हैं, तो क्या वास्तव में इसका मतलब यह है कि महिलाएं घात लगाकर बैठे सभी खतरों से सुरक्षित हैं? क्या इसे सही मायने में व्‍यावहारिक तौर पर लागू किया गया है। क्या हमने महात्मा गांधीजी की रामराज्य का सपना पूरा कर लिया है जहां बचाव और सुरक्षा सम्मिलित हैं? कन्नड़ फिल्म 'नानू कुसुमा' (मैं कुसुमा हूं) द्वारा पूछे गए ये कुछ विचारोत्तेजक प्रश्न हैं।

 संघर्ष जितना अधिक होगा, संवेदना उतनी ही अधिक छुएगीः ऊषा किरण खान

साहित्य आजतक के मंचपर अंतिम दिन 'ये जिंदगी के मेले' सेशन में देशकी जानी मानी लेखिकाओं ने साहित्य, लेखन और मौजूदा परिदृश्य पर बातें कीं. इनमें लेखिका उपन्यासकार डॉ. सूर्यबाला, लेखिका ममताकालिया, लेखिका ऊषाकिरण खान शामिल हुईं. 

 'रिंकिया के पापा' गाने पर बनते हैं मीम, लेकिन असली मतलब नहीं समझते लोग- मनोज तिवारी

साहित्य आज तक के मंच पर मनोज तिवारी ने अपने पॉपुलर गाने गाकर हर किसी का दिल खुश कर दिया. मनोज तिवारी ने ये भी बताया कि उनके लिये साहित्य का मतलब सिर्फ पढ़ना नहीं, बल्कि गढ़ना भी है. इसके अलावा उन्होंने भाग्यश्री और भोजपुरी सिनेमा पर भी बात की.  

 क्यों नहीं चल रहीं बॉलीवुड फिल्में, क्या है बायकॉट ट्रेंड की वजह?

प्रसून जोशी से पूछा गया कि बॉलीवुड की फिल्में क्यों नहीं चल रही हैं? क्या क्रिएटिवटी की धारा सूख गई है? इसपर वो कहते हैं- फिल्म इंडस्ट्री को आत्ममंथन की जरूरत है. बॉलीवुड को जीवित जड़ों के साथ उगना होगा. उन्हें समझना होगा कि उनकी जड़ें कहां हैं? बहुत जरूरी है फिल्ममेकर्स का अपनी फिल्म के विषय को दूरदर्शिता के हिसाब से चुनना. 

 कबीर बेदी की किस बात से परवीन बॉबी को हुआ था प्यार, एक्टर के करियर पर पड़ा था रिश्ते में तनाव का असर

कबीर बेदी ने बॉलीवुड में तो उन्होंने नाम कमाया ही मगरइंटरनेशनल सिनेमा, खासकर इटली के सिनेमा में उन्होंने बहुत पॉपुलैरिटी पाई. साहित्य आजतक 2022 के मंचपर कबीर ने अपनेइंटरनेशनल स्टारडम पर तो बातकी ही, साथही परवीन बॉबीके साथ अपनेचर्चित रिश्ते पर भी दिलखोलकर बात की.  

 नई शिक्षा नीति 2020 स्वतंत्रता के बाद सबसे बड़ा रिफॉर्म है- राजीव चंद्रशेखर

यूजीसी और शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से इंडियन डिजिटल विश्वविद्यालय के निर्माण की योजना बनाई गई है। यह जल्द ही आपके समक्ष शिक्षक का कार्य यह नहीं कि वह यह सोचे कि कैसे अच्छा पढ़ाए बल्कि यह सोचे कि विद्यार्थी कैसे अच्छा सीख पाएं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए जमीनी स्तर पर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। वेदों का उल्लेख करते हुए उन्होंने एक चौथाई शिक्षा को ज्ञान के पारस्परिक आदान प्रदान, एक चौथाई शिक्षा को अनुभवों और

साहित्य समाज का दर्पण नहीं, बल्कि समाज साहित्य का दर्पण होता हैः मृदुला गर्ग

दिल्ली में दो साल बाद शब्द-सुरों का महाकुंभ 'साहित्य आजतक 2022' शुरू हो गया है. 18 नवंबर से 20 नवंबर तक दिल्ली में ये साहित्य का मेला चलेगा.  इस आयोजन में पहले दिन 'साहित्य और समाज' सेशन में मशहूर लेखिका मृदुला गर्ग और मैत्रेयी पुष्पा ने साहित्य और स्त्री विमर्श पर तमाम बातें कीं.

 'लोग बिस्तर में घुसकर उर्फी जावेद की तस्वीरें देख रहे हैं, लाइक कर रहे', क्यों बोले चेतन भगत?

साहित्य आज तक के मंच पर चेतन भगत ने उर्फी जावेद पर बात करते हुए कहा, यूथ उर्फी जावेद की फोटो लाइक कर रहा है. इंटरव्यू में क्या बोलोगे जाकर मेरे को उर्फी की सारी ड्रेसेस पता है. उर्फी की गलती नहीं है. वो अपना करियर बना रही है. लोग बिस्तर में घुस कर उर्फी की तस्वीरें देख रहे हैं.  

आईआईएसएसएम (IISSM) द्वारा आयोजित दो दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय कॉन्क्लेव का समापन

इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटी एंड सेफ्टी मैनेजमेंट (आईआईएसएसएम) के दो दिवसीय 32वां अन्तरराष्ट्रीय कॉन्क्लेव का आज, 19 नवंबर को समापन हो गया। यह कॉन्क्लेव होटल क्राउन प्लाजा, ओखला फेज 1, नई दिल्ली के साथ ही वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर भी आयोजित किया गया। जिसमें पूरे विश्व के हजारों सुरक्षा विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस बार कॉन्क्लेव का थीम “राष्ट्र निर्माण में सुरक्षा, सुरक्षा और हानि निवारण की भूमिका” रखा गया था।

विश्व का कल्याण करने वाला मानव बल भारत के पास है – शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान

तीन दिवसीय ज्ञानोत्सव के दूसरे सत्र को संबोधित करते हुए केन्द्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान जी ने कहा कि  शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका है। आने वाले 25 साल देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हम दुनिया की ज़िम्मेदारी लेने वाले लोग हैं। भारत संपन्न होगा तो विश्व भी संपन्न होगा। विश्व का कल्याण करने वाला मानव बल भारत के पास है। उन्होंने आगे कहा कि NEP के कुशल और सफल क्रियान्वयन से हम अपनी वैश्विक

 पिछले 32 वर्षों से सिक्योरिटी प्रशिक्षण के लिए प्रतिबद्ध संस्था है आईआईएसएसएम

इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटी एंड सेफ्टी मैनेजमेंट (आईआईएसएसएम) के दो दिवसीय 32वां अन्तरराष्ट्रीय कॉन्क्लेव की शुरुआत आज, 18 नवंबर को दिल्ली में हुई। यह कॉन्क्लेव होटल क्राउन प्लाजा, ओखला फेज 1, नई दिल्ली के खचाखच भरे हॉल के साथ ही वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर भी आयोजित किया गया है। जिसमें पूरे विश्व के हजारों सुरक्षा विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस बार कॉन्क्लेव का थीम “राष्ट्र निर्माण में सुरक्षा, सुरक्षा और हानि निवारण की भूमिका” है।

 समस्याओं के समाधान के बजाय राजनीति कर रही है केजरीवाल सरकार- करतार सिंह भड़ाना

राजधानी दिल्ली में पिछले कई वर्षों से बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली और आसपास में रहने वाले लोगों का दम घुटने लगा है। हर साल ये समस्या बढ़ती ही जा रही है। अब हालात ऐसे बन गए हैं की आम और खास, सभी लोग प्रदूषण से परेशान हो चुके हैं। इस मुद्दे पर वीरवार को प्रेस क्लब में एक संवाददाता सम्मेलन में हरियाणा के पूर्व सहकारिता मंत्री करतार सिंह भड़ाना ने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार इन गंभीर समस्याओं के समाधान के बजाय पूरी तरह से राजनीति कर

 शिक्षा के साथ संस्कृति, संस्कार और धर्म जुड़ा है - कैलाश सत्यार्थी

ज्ञानोत्सव ज्ञान का उत्सव ही नहीं, यह ज्ञान का यज्ञ है। सात्विक उद्देश्य से किए जाने वाले यज्ञ में सर्वश्रेष्ठ की आहुति देनी होती है। इस ज्ञानोत्सव में आने वाले साधारण कार्यकर्ता नहीं बल्कि आप भारत के निर्माता हैं। भारतीयता मेरी माँ के स्तन से निकले दूध के समान है। स्तन से निकला दूध रक्त का संचार करता है। भारतीय शिक्षा समावेशिता की यात्रा करती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मूल में सार्वभौमिकता, समता और समग्रता है। विद्या हमारे धर्म का लक्षण हैं।

 आईआईएसएसएम (IISSM) का दो दिवसीय 32वां वार्षिक ग्लोबल कॉन्क्लेव 18 और 19 नवम्बर को

इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटी एंड सेफ्टी मैनेजमेंट (आईआईएसएसएम) का 32वां वार्षिक ग्लोबल कॉन्क्लेव 18 और 19 नवंबर 2022 को हाइब्रिड मोड में आयोजित किया जाएगा। यह कॉन्क्लेव होटल क्राउन प्लाजा, ओखला फेज 1, नई दिल्ली में और इसके साथ ही वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर भी आयोजित किया जाएगा। इस दो दिवसीय अन्तराष्ट्रीय कॉन्क्लेव में देश-विदेश के एक हजार से अधिक विभिन्न व्यवसाय से जुड़े प्रोफेशनल, विशेषज्ञ और विद्वान चर्चा करेंगे। इस सम्मेलन के दौरान दिए गए विचार-विमर्श एवं सुझाव इस कॉन्क्लेव में शामिल सभी पेशेवरों को मदद करेंगे। साथ ही नई रणनीतियों को तैयार करने में सहायक होंगे।

रांची का लड़का सुनहरे पर्दे पर कर रहा कमाल!

मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनो में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौंसलों से उड़ान होती है। ये कहावत बिलकुल सटीक बैठती है रांची एक लड़के राजेश सिंह पर जो अपने सपनों की जिद को हक़ीक़त बनाने और अपने आप को अर्श तक ले जाने की कोशिश में लगा है। श्री राम सेंटर में थिएटर के साथ-साथ

गुमशुदा नाटककार स्वदेश दीपक की स्मृति में एल्सवेयर फ़ॉउंडेशन का शुभारंभ

संगीत नाटक अवार्ड विजेता नाटककार स्वदेश दीपक (जिन्होंने कोर्ट मार्शल लिखा) , 7 जून 2006 से लापता हैं जब वो घर से टहलने के लिए निकले और कभी लौट कर नहीं आये। उनकी याद में आज कला प्रबंधन विशेषज्ञ नगीना बैंस और लेखक के  बेटे, सुकान्त दीपक ने एल्सवेयर फ़ॉउंडेशन की स्थापना करने की घोषणा की।

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में मिथिला महोत्सव और मैथिली लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन

दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में शनिवार, 12 नवंबर को मिथिला महोत्सव-  6 और मैथिली लिटरेचर फेस्टिवल -3 का आयोजन किया गया. इस दौरान विभिन्न दलों के नेताओं ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मैथिली को रोजी- रोटी की भाषा बनाने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और बिहार विधान परिषद सदस्य संजय मयूख तथा दिल्ली विधानसभा के विधायक संजीव झा के साथ ही कांग्रेस के सचिव प्रणव झा ने कहा कि मैथिली भारत की पुरातन भाषाओं में शामिल है. यह संविधान की आठवीं अनुसूची में भी शामिल है. इसे रोजी रोटी की भाषा बनाने के लिए वह अपना समस्त योगदान देंगे.

तीन दिवसीय ‘ज्ञानोत्सव’ में शैक्षिक सुधारों और नई शिक्षा नीति पर विमर्श करेंगे देशभर के शिक्षाविद्

शिक्षा के क्षेत्र में अपने प्रभावी हस्तक्षेप के जरिये नीतिगत पहल और शैक्षिक सुधारों के लिए कार्य करने वाला देश का प्रमुख शैक्षिक संगठन ‘शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास’ अन्य सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थानों के साथ मिलकर आगामी 17-19 नवंबर को नई दिल्ली के पूसा संस्थान में शिक्षा के महाकुंभ ‘ज्ञानोत्सव-2079’ का आयोजन कर रहा है। इस बार ‘ज्ञानोत्सव’ का प्रमुख विषय ‘शिक्षा से आत्मनिर्भर भारत’ की संकल्पना पर आधारित है।