Skip to main content

ब्यूटी और वेलनेस सेक्टर स्किल काउंसिल की ओर से होलिस्टिक वैलनेस वर्कशॉप का आयोजन

समग्र रूप से वेलनेस प्राप्त करने और बढ़ावा देने के दृष्टिकोण के साथ ब्यूटी और वेलनेस सेक्टर स्किल काउंसिल (बी एंड डब्ल्यू एस एस सी ) द्वारा कौशल विकास मंत्रालय  के अधिकारियों के लिए एक 360* वेलनेस कार्यशाला  का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य होलिस्टिक लाइफ्स्टाइल पर जानकारी देना और अवेयरनेस क्रिएट करते हुए होलिस्टिक अप्रोच के साथ स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।  


इस अवसर पर डॉ. केके द्विवेदी, संयुक्त सचिव, एमएसडीई, श्रीमती मोनिका बहल, सीईओ-बी एंड डब्ल्यूएसएससी,  श्रीमती श्रुति पांडेय, उप निदेशक एमएसडीई और एएसव्यासा यूनिवर्सिटी से आचार्य रविंद्रा ने अपने संबोधन से लोगों को लाभान्वित किया।


इस वर्कशॉप के अंतर्गत स्वस्थ जीवनशैली और वेलनेस के लिए ज़रूरी महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी गयी जिनमे अच्छी खानपान की आदतें, योग का स्वास्थ्य के लिए महत्त्व, ध्यान लगाने का महत्त्व और सही तरीका और व्यस्त होने के साथ-साथ खुद का ध्यान रखने की आवश्यकता पर भी विशेष जोर दिया गया। इसके साथ ही सटीक टिप्स भी शेयर किये गए।  

जीवनशैली में सही संतुलन बनाये रखने के लिए अच्छी आदतों पर विस्तार से चर्चा भी इस वर्कशॉप का एक प्रमुख विषय रहा। इस वर्कशॉप का उद्घाटन श्री केके द्विवेदी, संयुक्त सचिव, एम एस डी ई के प्रेरक संबोधन से हुआ।


इस कार्यशाला में सही भोजन के विषय पर चर्चा के दौरान इस बात की भी प्रशंसा की गयी कि किस प्रकार से भारत के पास इसके पूर्वजों से विरासत में संतुलित और सात्विक भोजन पर प्रचुर ज्ञान उपलब्ध है और किस प्रकार पश्चिमी देश भी आज भारत की संतुलित और सात्विक खानपान की शैली को अपना रहे हैं। इस अवसर पर पार्टिसिपेंट्स द्वारा फिजिकल और मेडिटेटिव योगा एक्सरसाइज़ को भी करके दिखाया गया जो सम्पूर्ण रूप से खुश रहने और स्वास्थ्य जीवन शैली के लिए बहुत ज़रूरी हैं। अंत में वर्कशॉप का एक बड़ा टेकअवे रहा सकारात्मक ऊर्जा के साथ आगे बढ़ना।  

सत्र की शुरुआत बॉडी कंपोजिशन एनालिसिस (बीसीए) से हुई जिसका आयोजन इन बॉडी द्वारा सभी के लिए किया गया और इसमें हर इंडिविजुअल की विस्तृत बीसीए रिपोर्ट जिसमे बीएमआई, डब्ल्यू एच आर, फैट मास, विस्क्रेल फैट आदि रिकॉर्ड किये गए और उनके बारे में बारीकी से सभी को बताया गया।  


इस अवसर पर डॉ. केके द्विवेदी ने स्वस्थ जीवन जीने के महत्व को साझा किया और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना जैसे किताबें पढ़ना, सोशल मीडिया से डिस्कनेक्ट करना, नियमित अंतराल पर परिवार के साथ समय बिताना, संतुष्ट रहना और योग करना आदि विषयों पर सभी को एड्रेस किया। इस मौके पर श्रीमती मोनिका बहल, सीईओ-बी एंड डब्ल्यूएसएससी ने सीजनल और घर के बने हुए सादे भोजन के फायदों के बारे में अपने विचार सबके सामने रखे और बताया कि कैसे सादा, सीजनल और घर पर पका हुआ भोजन न केवल हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है बल्कि हमारी प्रतिरक्षा शक्ति को भी बढ़ाता है और हमें ना केवल बाहर से बल्कि अंदर से भी सुन्दर बनाता है।  

इस अवसर पर उपस्थित श्रीमती श्रुति पांडे, उप निदेशक एमएसडीई ने सभी को इन बेहद महत्वपूर्ण बातों को अपने जीवन में अमल में लाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया और कहा कि किस प्रकार ये बुनियादी आदतें जीवनशैली की गुणवत्ता में बढ़ोतरी करने के साथ-साथ कार्य स्थल पर खुश रहने में भी मददगार साबित होंगी।  इस अवसर पर एएसव्यासा यूनिवर्सिटी से आचार्य रविंद्रा ने सभी को योग प्रैक्टिसेज को एक "वे ऑफ़ लाइफ" बताते हुए डेस्क टॉप योगा, वर्क आउट और तनाव रहित होने और एक सम्पूर्ण जीवन के लिए ध्यान करना सिखाया। इस अवसर पर बी एंड डब्ल्यू एस एस सी से अर्शी  रेहमान द्वारा स्किन केयर, हाथों और पैरों की देखभाल, बालों की देखभाल आदि के विषय में जानकारी और टिप्स शेयर किये गए।   


Comments

Most Popular

घर में रखने योग्य मूर्तियां

हिंदू धर्म के अनुसार घर में सभी देवी-देवताओं के लिए एक अलग स्थान बनाया जाता है। हिंदू धर्म में देवताओं के लिए जो स्थान बता रखे हैं, लोगों ने वैसे ही अपने घरों में देवताओं को स्थापित किया है। आप सभी के घर में देवी-देवताओं का मंदिर जरूर होगा। सबसे पहले आपको बता दें कि घर के मंदिर को हमेशा ही साफ रखना चाहिए। मंदिर में किसी भी तरह की खंडित मूर्ति ना रखें। हम आपको ऐसे देवी-देवताओं के बारे में बताएंगे जिनकी पूजा घर पर नहीं होनी चाहिए। 1. भैरव देव:   भैरव देव भगवान शिव के एक अवतार हैं। भैरव देव की मूर्ति कभी भी अपने घर के मंदिर में नहीं रखनी चाहिए। अब आप बोलेंगे कि ऐसा क्यों है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भैरव तंत्र विद्या के देवता माने जाते हैं। भैरव देव की पूजा करनी चाहिए, परंतु घर के अंदर ऐसा नहीं करना चाहिए। 2. नटराज: कुछ लोग ऐसे होंगे जो नटराज जी की मूर्ति को घर में रखते होंगे। नटराज की मूर्ति देखने में तो बहुत सुंदर लगती है।यह मूर्ति भगवान शिव के रौद्र रूप की है। नटराज की मूर्ति को आप भूल कर भी घर के अंदर ना रखें, क्योंकि नटराज भगवान शिव के रौद्र रूप में है यानी भगवान शिव के क्रोधित रूप में ह

छात्रों में अनुशासनहीनता

छात्रावस्था अवोधावस्था होती है, इसमें न बुद्धि परिष्कृत होती है और न विचार। पहले वह माता-पिता तथा गुरुजनों के दबाव से ही कर्त्तव्य पालन करना सीखता है। माता-पिता एवं गुरूजनों के निमंत्रण में रहकर नियमबद्ध रूप से जीवनयापन करना ही अनुशासन कहा जा सकता है। अनुशासन विद्यार्थी जीवन का सार है। अनुशासनहीन विद्यार्थी न तो देश का सभ्य नागरिक बन सकता है और न अपने व्यक्तिगत जीवन में हो सफल हो सकता है।

भाषा सर्वेक्षण पर कालजयी किताब है भारत का भाषा सर्वेक्षण एवं भोजपुरी

भाषा सर्वेक्षण और भोजपुरी के संदर्भ में पृथ्वीराज सिंह द्वारा रचित पुस्तक 'भारत का भाषा सर्वेक्षण एवं भोजपुरी' एक कालजयी किताब है, जो गहन शोध पर आधारित एक श्रमसाध्य कार्य है । इस किताब का व्यापक महत्व है। उक्त बातें इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष सह वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय ने 'भारत का भाषा सर्वेक्षण एवं भोजपुरी' किताब के अनावरण सह परिचर्चा कार्यक्रम में कहीं। अनावरण सह परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र के उमंग सभागार में संपन्न हुआ।

विद्यालय का वार्षिकोत्सव

उत्सव मनुष्य के जीवन में आनंद और हर्ष का संचार करते हैं। विद्यालय का वार्षिकोत्सव विद्यार्थियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। यही वह अवसर है जब विद्यार्थी अपनी-अपनी प्रतिभाओं को दिखा सकते हैं। विद्यालय का यह उत्सव प्रायः दिसंबर मास के आस-पास मनाया जाता है। इसकी तैयारी एक महीने पूर्व ही प्रारंभ हो जाती है। इस उत्सव में विद्यालय के सभी छात्र-छात्राएँ तथा अध्यापक अध्यापिकाएँ अपना-अपना योगदान देते हैं।

फिल्म ‘आ भी जा ओ पिया’ की स्टारकास्ट ने दिल्ली में किया प्रमोशन

हाल ही में अभिनेता देव शर्मा और अभिनेत्री स्मृति कश्यप अपनी आनेवाली फिल्म ‘आ भी जा ओ पिया’ के प्रमोशन के सिलसिले में दिल्ली पहुंचे। कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली के पीवीआर प्लाजा में किया गया। यह फिल्म 7 अक्टूबर, 2022 को रिलीज होगी।