मशहूर लेखक गुरचरन दास ने कहा है कि कम सरकारी दखल और निजी कोशिशों से होने वाला विकास ही असली विकास है। अग्रणी थिंक टैंक सेंटर फॉर सिविल सोसायटी (सीसीएस) की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि निजी प्रयासों और न्यूनतम सरकारी हस्तक्षेप के साथ होने वाला विकास ही असली और दीर्घकाल तक परिणाम देने वाला विकास होता है।
उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के दो शहरों गुरुग्राम और फरीदाबाद का उदाहरण देते हुए बताया कि किस प्रकार निजी प्रयासों के कारण एक पथरीला और मूलभूत सुविधाओं से रहित गांव गुरुग्राम आज विश्वस्तरीय शहर में परिवर्तित हो गया है। यहां दुनिया की सभी कंपनियां अपना ऑफिस और आउटलेट स्थापित करना चाहती हैं। वहीं दूसरी तरफ तमाम सरकारी प्रयासों के द्वारा स्थापित फरीदाबाद शहर अब भी अपेक्षित मुकाम हासिल नहीं कर सका है।
सीसीएस की ओर से इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के सीडी देशमुख सभागार में आयोजित ‘इंडियन लिबरल्स एन्युअल लेक्चर 2023’ के दौरान ‘द डिलेमा ऑफ एन इंडियन लिबरल’ विषय पर विचार व्यक्त करते हुए गुरचरन दास ने कहा कि सरकार के द्वारा इक्विटी और लिबर्टी दोनों पर साथ साथ ध्यान देना चाहिए।
इस अवसर पर प्रिज्म पॉलिसी चैंपियनशिप का आयोजन किया गया और तीन विजेता समूहों को बतौर प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार के लिए क्रमशः 30 हजार, 20 हजार और 10 हजार की राशि प्रदान की गई।
सीसीएस के संस्थापक डॉ पार्थ जे शाह, सीईओ डॉ अमित चंद्र, बोर्ड ऑफ एडवाइज़र्स के चेयरमैन अनिरुद्ध दत्ता और एडवोकेट प्रशांत नारंग ने पावर टू द पीपल; स्ट्रेंथनिंग पब्लिक सर्विस गारंटी लॉ इन इंडिया पुस्तिका का विमोचन किया। कार्यक्रम के दौरान एफएनएफ साउथ एशिया के प्रमुख कस्टर्न क्लेन ने स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर सीसीएस को बधाई दी और उसके द्वारा किये जाने वाले कार्यों की भूरी-भूरी तारीफ की।
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