स्कूल सेफ्टी एक्ट बनाने की मांग को लेकर जंतर मंतर पहुंचे शिक्षक

आज 5 अक्तूबर को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस है। यूनेस्को द्वारा इस दिवस को मनाने का आह्वान शिक्षकों का सम्मान करने और सभ्य समाज के निर्माण में उनके योगदानों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के उद्देश्य से किया गया था। लेकिन आलम ये है कि शिक्षकों को इस दिन अपने लिए सम्मान और सुरक्षा की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ रहा है।

यह कहना है बजट स्कूलों के अखिल भारतीय संगठन नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलायंस (निसा) ने अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ कुलभूषण शर्मा का। वह शिक्षा, सुरक्षा और सम्मान की मांग को लेकर जंतर मंतर पर एकत्रित हुए अनेक राज्यों के शिक्षकों और स्कूल संचालकों को संबोधित कर रहे थे।

गुरुवार को निसा के आह्वान पर हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, राजस्थान, दिल्ली, यूपी, पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों के सैकड़ों शिक्षकों और स्कूल संचालकों ने जंतर-मंतर पर धरना दिया और सरकार से छात्रों, शिक्षकों और स्कूल संचालकों की सुरक्षा के लिए ‘टीचर्स सेफ्टी एक्ट’ बनाने की मांग की।

इस अवसर पर डा. कुलभूषण शर्मा ने कहा कि शिक्षकों की सुरक्षा के लिए व्यापक प्रावधान न होने के कारण यह वर्ग काफी भयभीत हैं। छात्रों के साथ स्कूल परिसर के अंदर अथवा बाहर कहीं भी घटना घटित होने पर समुचित जांच के बिना ही शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को गिरफ्तार कर लिया जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार को शिक्षकों की गिरफ्तारी के पहले सक्षम विभाग द्वारा समुचित जांच किये जाने के प्रावधान को अनिवार्य बनाया जाना चाहिए।


डॉ कुलभूषण शर्मा ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) पर विसंगतियों से युक्त नीतियां बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि शिक्षा बोर्ड को शिक्षा मंडी बना दिया गया है। बोर्ड पैसा कमाने की मशीन बनता जा रहा है। डॉ शर्मा ने देशभर में तनावग्रस्त छात्रों के द्वारा आत्महत्या किये जाने की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कोचिंग सेंटरों को नियमित करने के लिए भी कानून बनाने की मांग की।

उन्होंने कहा कि आज हालात यह है कि अधिकांश बच्चे स्कूलों में दाखिला लेकर कोचिंग सेंटर ज्वाइन करने को मजबूर हो रहे हैं। इससे बच्चों में जबरदस्त दबाव है। वह मानसिक तौर पर परेशान हो रहे हैं। हालात यह है कि अक्सर ही बच्चों के आत्महत्या करने के मामले सामने आ रहे हैं। कोचिंग संस्थानों के लिए ठोस गाइड लाइन तय की जानी चाहिए, ताकि उनकी मनमानी पर रोक लगे। सरकार को तुरंत ऐसे कदम उठाने चाहिए जिससे विद्यार्थियों पर मानसिक दबाव कम हो और आत्महत्या की घटनाओं पर रोक लगे।  

धरने में प्रेम देशवाल, दिलीप मोदी, हेमलता शर्मा, अतुल श्रीवास्तव, पंकज सिडाना, अमित मेहता, आशुतोष गौड़, राजेश मदान, सतबीर पटेल, वरूण जैन, बलदेव सैनी, अनिल मौर्य समेत अनेक राज्यों से आए शिक्षक संगठनों के पदाधिकारी, शिक्षक, स्कूल संचालक व अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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