महिला सशक्तीकरण की प्रतिमूर्ति रही हैं जानकी: विभय कुमार झा

आज जानकी नवमी है यानी जगतजननी सीता का प्रकाटय दिवस। स्वयंसेवी संस्था अभ्युदय के अध्यक्ष विभय कुमार का कहना है कि आज हम कितना भी महिला सशक्तीकरण की बात कर लें, लेकिन सत्य तो यही है कि जितना अधिक महिला सशक्तीकरण मिथिला में रहा है, वैसा उदाहरण कहीं और नहीं मिलता है। जानकी तो साक्षात महिला सशक्तीकरण की प्रतिमूर्ति रही हैं। युवा भाजपा नेता विभय कुमार झा ने कहा कि यह हमारे लिए गौरव की बात है कि हम भी उन्हीं के मिथिला में जन्म लिए और वही हमारा कार्यक्षेत्र है।

अभ्युदय के अध्यक्ष ने कहा कि इस वर्ष जानकी नवमी के अवसर पर हमारी संस्था महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए जागरूकता अभियान शुरू करेगी। विभिन्न माध्यमों के जरिए हम लोग अपनी बेटियों को शिक्षित करने और ललनाओं को सशक्त करने की दिशा में काम करेंगे। इस काम में कई महिलाएं हमारा साथ निभाएंगी। विभय झा ने कहा कि केंद्र सरकार और बिहार सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढाओ अभियान को जोर शोर से चला रही है। हमारी संस्था इसको जन जन तक पहुंचाएंगी।

एक सवाल के जवाब में विभय कुमार झा ने कहा कि हम अपने बचपन से अपनी दादी, मां और पिता श्री विनोद नारायण झा जी से जानकी यानी सीता मैया की कथा सुनते आए हैं। वैशाख शुक्ल की नवमी को माता धरती की कोख से जानकीजी या सीताजी अवतरित हुई थीं। वैष्णव मत भी यही कहता है। पुष्यान्वितायां तु कुजे नवम्यां श्रीमाधवे मासि सिते हलाग्रतः। भुवोऽर्चयित्वा जनकेन कर्षणे सीताविरासीद् व्रतमत्र कुर्यात॥ सीता नवमी मिथिला के राजा जनक और रानी सुनयना की बेटी और अयोध्या की रानी देवी सीता के अवतार दिवस के रूप मे मनाया जाता है, इसे जानकी नवमी भी कहा गया है। माता सीता के पति भगवान राम का अवतरण दिवस एक महीने पहिले चैत्र शुक्ला नवमी या राम नवमी के दिन मनाया जाता है।

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