विश्व
स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने तम्बाकू नियंत्रण के क्षेत्र में उत्कृष्ट
कार्य के लिए "सोसिओ इकनोमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाइटी (सीड्स)" को
इस वर्ष का विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पुरस्कार देने का फैसला किया है।
विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर WHO दुनिया के चुनिंदा संस्थाओं और
व्यक्तियों को प्रतिवर्ष तम्बाकू नियंत्रण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण
योगदान के लिए सम्मानित करता है।
सीड्स के प्रयास से बिहार और झारखण्ड में तम्बाकू सेवन करने वालों की संख्या में काफी कमी आई है। ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (GATS 2017) के आंकड़ों के मुताबिक पिछले आठ वर्षों में बिहार में तम्बाकू सेवन करने वालों की संख्या 53.5% से घट कर 25.9% हो गया है, जबकि झारखण्ड में यह संख्या 50.1% से घटकर 38.9% पर आ गया है।
बिहार सरकार के प्रधान सचिव संजय कुमार ने WHO द्वारा SEEDS को पुरस्कृत किये जाने पर ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि पिछले एक दशक से सीड्स बिहार और झारखंड में जमीनी स्तर पर तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के कार्यान्वयन में राज्य सरकार के लिए एक विश्वसनीय साथी की भूमिका में है। दोनों राज्यों में तंबाकू के उपयोग में भारी कमी SEEDS के प्रयासों का गवाह है। मुझे खुशी है कि WHO ने वर्ल्ड नो टोबैको डे अवार्ड (WNTD 2020) के लिए SEEDS का चयन किया है। संजय कुमार ने बताया कि तम्बाकू नियंत्रण के क्षेत्र में सीड्स के द्वारा किये गए कार्यों से प्रभावित होकर सीड्स के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य तम्बाकू नियंत्रण समन्यवय समिति का सदस्य भी मनोनीत किया है। साथ ही भारत सरकार के स्वस्थ्य मंत्रालय ने दीपक मिश्रा को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में “नशा मुक्ति अभियान”हेतु गठित टास्क फोर्स का सदस्य भी नामित किया है।
ग्लोबल तंबाकू नियंत्रण विशेषज्ञ और लूथर टेरी पुरस्कार विजेता श्रीमती डॉ मीरा आगी ने कहा, “बिहार और झारखंड में तंबाकू के उपयोग में गिरावट के कारण बड़े पैमाने पर दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ होंगे। राज्य सरकार और सिविल सोसाइटी के साथ सीड्स की साझेदारी ने जमीनी स्तर की अच्छी प्रथाओं को विकसित किया है और इन्होने अन्य राज्यों के अनुसरण के लिए एक अच्छा मॉडल बनाया हैं। डॉ मीरा ने कहा कि सीड्स का यह प्रयास तम्बाकू के उपयोग को कम करने और युवाओं एवं कमजोर लोगों खासकर महिलाओं की रक्षा करने में भी मदद करेंगी।
प्रोफेसर के श्रीनाथ रेड्डी पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (PHFI) के प्रेसिडेंट ने कहा कि बिहार और झारखंड में तंबाकू सेवन में आई कमी SEEDS के उल्लेखनीय प्रतिबद्ध अभियानों के कारण संभव हो पाया है। दोनों राज्यों में चबाने वाले तंबाकू के उपयोग में आई गिरावट सीड्स द्वारा किये गए कार्यों में विशेष रूप से सराहनीय है। प्रोफेसर रेड्डी के मुताबिक सीड्स के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा का समर्पित, मेहनती और रणनीतिक नेतृत्व इस सफलता के पीछे प्रेरक शक्ति रहा है। डब्ल्यूएचओ (WHO) पुरस्कार उनके अनुकरणीय नेतृत्व की पहचान को और मजबूत करता है। हालांकि, जो लोग जानते हैं वे भारत के तंबाकू नियंत्रण आंदोलन के लिए श्री मिश्रा द्वारा लाए गए ऊर्जा और उत्कृष्टता की सराहना करेंगे और उन्हें सलाम करेंगे।
राष्ट्रीय स्तर की सामाजिक
संस्था सीड्स बिहार और झारखण्ड में तम्बाकू नियंत्रण के क्षेत्र में काम
करती है। सीड्स पिछले एक दशक से तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के संचालन में
राज्य सरकार को सहयोग दे रही है। सीड्स ने सरकारी, गैर सरकारी संस्था,
मीडिया सहित सभी हितधारकों के साथ मिलकर तम्बाकू नियंत्रण हेतु जबरदस्त
माहौल तैयार करते हुए दोनों राज्यों में तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम (कोटपा
2003) के अनुपालन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा किया है। सीड्स के प्रयास से
दोनों राज्यों में पान मसाला, गुटखा, इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट एवं अवैध हुक्का
पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाया गया है।
सीड्स के प्रयास से बिहार और झारखण्ड में तम्बाकू सेवन करने वालों की संख्या में काफी कमी आई है। ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (GATS 2017) के आंकड़ों के मुताबिक पिछले आठ वर्षों में बिहार में तम्बाकू सेवन करने वालों की संख्या 53.5% से घट कर 25.9% हो गया है, जबकि झारखण्ड में यह संख्या 50.1% से घटकर 38.9% पर आ गया है।
बिहार सरकार के प्रधान सचिव संजय कुमार ने WHO द्वारा SEEDS को पुरस्कृत किये जाने पर ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि पिछले एक दशक से सीड्स बिहार और झारखंड में जमीनी स्तर पर तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के कार्यान्वयन में राज्य सरकार के लिए एक विश्वसनीय साथी की भूमिका में है। दोनों राज्यों में तंबाकू के उपयोग में भारी कमी SEEDS के प्रयासों का गवाह है। मुझे खुशी है कि WHO ने वर्ल्ड नो टोबैको डे अवार्ड (WNTD 2020) के लिए SEEDS का चयन किया है। संजय कुमार ने बताया कि तम्बाकू नियंत्रण के क्षेत्र में सीड्स के द्वारा किये गए कार्यों से प्रभावित होकर सीड्स के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य तम्बाकू नियंत्रण समन्यवय समिति का सदस्य भी मनोनीत किया है। साथ ही भारत सरकार के स्वस्थ्य मंत्रालय ने दीपक मिश्रा को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में “नशा मुक्ति अभियान”हेतु गठित टास्क फोर्स का सदस्य भी नामित किया है।
ग्लोबल तंबाकू नियंत्रण विशेषज्ञ और लूथर टेरी पुरस्कार विजेता श्रीमती डॉ मीरा आगी ने कहा, “बिहार और झारखंड में तंबाकू के उपयोग में गिरावट के कारण बड़े पैमाने पर दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ होंगे। राज्य सरकार और सिविल सोसाइटी के साथ सीड्स की साझेदारी ने जमीनी स्तर की अच्छी प्रथाओं को विकसित किया है और इन्होने अन्य राज्यों के अनुसरण के लिए एक अच्छा मॉडल बनाया हैं। डॉ मीरा ने कहा कि सीड्स का यह प्रयास तम्बाकू के उपयोग को कम करने और युवाओं एवं कमजोर लोगों खासकर महिलाओं की रक्षा करने में भी मदद करेंगी।
प्रोफेसर के श्रीनाथ रेड्डी पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (PHFI) के प्रेसिडेंट ने कहा कि बिहार और झारखंड में तंबाकू सेवन में आई कमी SEEDS के उल्लेखनीय प्रतिबद्ध अभियानों के कारण संभव हो पाया है। दोनों राज्यों में चबाने वाले तंबाकू के उपयोग में आई गिरावट सीड्स द्वारा किये गए कार्यों में विशेष रूप से सराहनीय है। प्रोफेसर रेड्डी के मुताबिक सीड्स के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा का समर्पित, मेहनती और रणनीतिक नेतृत्व इस सफलता के पीछे प्रेरक शक्ति रहा है। डब्ल्यूएचओ (WHO) पुरस्कार उनके अनुकरणीय नेतृत्व की पहचान को और मजबूत करता है। हालांकि, जो लोग जानते हैं वे भारत के तंबाकू नियंत्रण आंदोलन के लिए श्री मिश्रा द्वारा लाए गए ऊर्जा और उत्कृष्टता की सराहना करेंगे और उन्हें सलाम करेंगे।
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