मैं कभी-कभी सोचने लगती हूं कि पृथ्वी पर चिड़िया कब आयी होगी। हठात काका का मौन टूटा। वे मुझसे पूछ रहे थे कि तुम्हें क्या लगता है, पृथ्वी पर मानव पहले आया होगा और बहुत दिनों के बाद जब वह बोर होने लगा होगा, तब चिड़िया बनायी गयी होगी! मुझे चुप देख कहने लगे कि मनुष्य के पास चिड़िया बनाने का कोई हुनर नहीं है। इतने उपकरण और होशियार हो जाने के बाद, अगर आज भी मानव चिड़िया बनाने बैठे तो असफलता ही हाथ लगेगी। इस बात से यह साबित होता है कि मानव बाद में आया होगा, चिड़िया पहले आयी होगी।
वे कहने लगे कि वृक्ष चिड़िया का घर तो होता ही है, साथ ही उनका जीवन भी होता है। पृथ्वी पर पहले वृक्षों को लगाया गया होगा कि चिड़िया आयी होगी, फिर उन्होंने अपने लिए वृक्ष लगाये होंगे। मानव वृक्ष लगा सकता है, लेकिन वह उसका बीज कहां से लाता। पहले बीज फेंक कर उसे पनपने दिया गया होगा और जब पौधे पेड़ बन गये होंगे, तब हाल पर गीत गाने के लिए चिड़िया को उतार दिया गया होगा।
यह सब कहते काका को कुछ और याद आ गया। वे क्षण भर रुके और फिर पूछने लगे कि धरती पर नदियां कब बनायी गयी होगी। जब मनुष्य उतर गया होगा और उन्हें प्यास लगी होगी, तब शायद नदियां बनायी गयी हो। नहीं ऐसा तो बिलकुल भी नहीं हुआ होगा। बीज फेंकने से पहले और चिड़िया को उतारने से पहले ही पानी के बारे में सोच लिया गया होगा। वे कहने लगे कि क्रम कुछ इस तरह का होगा कि पृथ्वी बनाकर पहले नदियों की व्यवस्था की गयी होगी। फिर वृक्ष को उतारा गया होगा। जब वृक्षों और नदियों में तालमेल हो गया होगा, तब चिड़िया को छोड़ दिया गया होगा। तरह-तरह के पशुओं को उतार दिया गया होगा। फिर कुछ दिन इंतजार करने के बाद यह परखा गया होगा कि सबने सबके साथ संबंध प्रगाढ़ कर लिये हैं अथवा नहीं, तब मनुष्य को उतारने के बारे में सोचा गया होगा।
मनुष्य पृथ्वी ग्रह पर सबसे बाद में इन सबका सबसे छोटा बच्चा बनाकर भेजा गया होगा, ताकि वह सब चीजों का ध्यान रखें। लेकिन, वह बड़ा होकर आज अपने इन पूर्वजों को भूल गया है। शायद इसीलिए धरती इन पूर्वजों की उपेक्षा को भूल गया है। शायद इसीलिए धरती इन पूर्वजों की उपेक्षा के कारण ही दिन-प्रतिदिन उदास और कमजोर होती जा रही है।
-भावना भारती
👍👍👍👍👍
ReplyDeleteUpasana: 👍🏻👍🏻👍🏻
ReplyDeleteDeepanwita Dey : beautifully written 👍
ReplyDeleteNiceee
ReplyDelete