विदेशों में परामर्श के लिए डाइटिशियन होते हैं जो डॉक्टर के भांति स्वतंत्र रूप से प्रैक्टिस करते हैं, परंतु भारत में इस समय केवल बड़े हॉस्पिटल में ही आहार विशेषज्ञ होते हैं। स्वतंत्र प्रैक्टिस करने वाले आहार विशेषज्ञ केवल महानगरों में ही है।
अगर आप डाइट के बारे किसी आम आदमी से पूछे तो उत्तर होगा कि पेट भर के खाओ और ठीक से पच जाए तो वही सही आहार है। अगर आप पूछे कि मोटापा कम करना है तो सीधा-साधा उत्तर मिलेगा कि कम खाओ और दबाकर काम करो। अपने आप वजन कम हो, छरहरा होना या बिना कमजोरी के वजन कम करना उतना आसान नहीं है, जितना आसान प्रतीत होता है, फिर भी यह कार्य कठिन भी नहीं है।प्रत्येक मनुष्य की शारीरिक क्षमता, पाचन शक्ति और जीवनशैली का भी आहार से सीधा संबंध होता है। इसलिए आहार का चुनाव करते समय इस बात का सदैव ध्यान रखें।।
1. प्रोटीनयुक्त भोजन करें: प्राय: हमारे शरीर को थुलथुला बनाने में कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन का अधिक हाथ होता है अतः कार्बोहाइड्रेट की जगह अधिक मात्रा में प्रोटीन युक्त आहार को शामिल करें। गेहूं के बजाय साबुत गेहूं का उपयोग अधिक लाभप्रद है। यदि पूरा साबुत ना खा सके तो दलिया आदि के रूप में सेवन करें।
इस प्रकार उच्च प्रोटीन युक्त भोजन करने से शरीर में कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में पहुंच पाते हैं। इससे शरीर में मौजूद वसा का उपयोग होने लगता है और मोटापा धीरे-धीरे कम होने लगता है परंतु अधिक प्रोटीन युक्त भोजन और उसकी मात्रा के बारे में चिकित्सक से जरूर सलाह लें, विशेषकर यदि आप गर्भवती या मधुमेह के रोगी है या शराब के आदी हैं। इस प्रकार के भोजन से आप प्रतिमाह 2 से 3 किलो वजन घटा सकते हैं। तुरंत प्राप्त होने वाली इस सफलता से आप मनोवैज्ञानिक असर होता है एवं शारीरिक व मानसिक रूप से पतले होने लगते हैं। अधिक प्रोटीन युक्त भोजन से प्यास अधिक लगती है वह पेशाब भी बार-बार होता है। अतः इससे सामान्य लक्षण समझे। कभी-कभी कब्ज की भी शिकायत हो सकती है।
2. शाकाहारी बने: शाकाहारी भोजन सर्वोत्तम भोजन है, परंतु शाकाहारी भोजन में अगर आप अधिक मात्रा में फल, मावा मलाई खाने लगे तो यह शाकाहारी होकर भी मांसाहारी भोजन से गरिष्ठ होता है। अतः शाकाहारी भोजन का अर्थ शुद्ध सात्विक भोजन होता है। दूध इत्यादि सीमित मात्रा में लें। बिल्कुल ही ना लेने से शरीर में विटामिन की कमी हो जाती है। शाकाहारी भोजन में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा सीमित होती है।
3. एक ही प्रकार का भोजन ना खाएं: लगातार एक ही तरह का भोजन खाने से भूख होते हुए भी पेट भरा हुआ लगता है। इससे आपके शरीर का मोटापा कम होगा परंतु यह तरीका लंबी अवधि तक ना अपनाए क्योंकि यह संतुलित आहार होता है इससे शरीर में अन्य तत्वों की कमी हो सकती है।
4. थोड़ा खाए सीमित बार खाएं: आहार नियंत्रण का सबसे आसान तरीका है कि कम खाएं। खाते समय जब डकार आए तभी भोजन बंद कर दें। सुबह नाश्ता, दिन में भोजन व रात्रि का भोजन इन तीनों बार के अतिरिक्त अन्य समय में आहार का सेवन ना करें। हल्के स्नेक्स आदि बीच में ले सकते हैं।
-प्रेरणा यादव,
एमिटी यूनिवर्सिटी कोलकाता
👍
ReplyDeleteDeepanwita Dey : really good 👍
ReplyDeleteReally nice
ReplyDeleteUpasana: niceeee
ReplyDeleteWell written !
ReplyDeleteWell written
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