आज जब संचार माध्यमों के चाल-चरित्र को लेकर लगातार विमर्श किया जा रहा है, ऐसे में भारत की मीडिया कैसी है? किस तरह की होनी चाहिए? संचार की भारतीय अवधारणाएं क्या हैं? इन विषयों के समेटे हुए सभ्यता अध्ययन केन्द्र की त्रैमासिक शोध पत्रिका सभ्यता संवाद के ‘सभ्यतागत संघर्ष और संचार की भारतीय अवधारणा'पर केंद्रित अंका का ई-लोकार्पण हिमाचल प्रदे श केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कुलदीप अग्निहोत्री,आरएसएस के सह-प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर, भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, आरएसएस के सह-प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार भाटिया, वरिष्ठ पत्रकार उमेश चतुर्वेदी, वरिष्ठ पत्रकार अनिल सौमित्र, हंसराज कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय की प्राचार्या डॉ. रमा सहित देश भर के संचार प्रेमियों की उपस्थिति में हुआ। इस अवसर पर बोलते हुए वक्ताओं ने कहा कि भारत की संचार-परंपरा लोकमंगलकारी रही है एवं भारतीय सभ्यता ऐसे वक्त में भी संवाद की बात करती है, जब संघर्ष अवश्यंभावी दिख रहा हो। कार्यक्रम की अध्यक्षता
Nice work
ReplyDeleteDeepanwita Dey : 👍👍👍
ReplyDelete👍👍👍👍
ReplyDeleteGood work
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