स्वस्थ भारत के मार्गदर्शक न्यूरो सर्जन मनीष कुमार को मिला चिकित्सा गौरव सम्मान

बनारस हिन्दू विश्वविद्याल के संस्थापक पं. मदन मोहन मालवीय की जयंती पर मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूटशंस द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में स्वस्थ भारत (न्यास) के मार्गदर्शक व वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ. मनीष कुमार को चिकित्सा गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। यह सम्मान वरिष्ठ पत्रकार एवं इंदिरा गांधी कला केन्द्र के अध्यक्ष पद्मश्री राम बहादुर राय, प्रसार भारती के डिजिटल हेड समीर कुमार, साहित्यकार सच्चिदानंद जोशी एवं मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूटशंस के चेयरमैन अशोक गदिया ने संयुक्त रूप से दिया।

इस अवसर पर बोलते हुए वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय ने न्यूरो सर्जन डॉ. मनीष कुमार द्वारा चिकित्सा के क्षेत्र किए गए उत्कृष्ट सेवा को रेखांकित करते हुए कहा कि आज जरूरत है कि सरकार डॉ. मनीष जैसे चिकित्सकों को प्रोत्साहित करें। आज इनके जैसे चिकित्सक जो सेवा भाव से दूसरों की जान बचा रहे हैं, बहुत कम हैं। उन्होंने कहा कि डॉ. मनीष ने वरिष्ठ पत्रकार जगदीश उपासने जी को उस समय जीवन दान दिया जिस समय देश के बड़े अस्पताल एम्स ने भी हाथ खड़े कर दिए थे।

सम्मान मिलने के बाद नजफगढ़ न्यूरो केयर सेंटर के संस्थापक डॉ. मनीष ने कहा कि यह मेरे लिए गौरव की बात है कि मैं जिस सपने को जी रहा हूं, उसे समाज स्वीकार कर रहा है। उन्होंने कहा कि मेरी कोशिश यही रही है कि पैसे के अभाव में किसी गरीब का उपचार न रूके। इसलिए हमने अपने यहां सर्जरी रेट को लागत आधारित रखा है न कि लाभ आधारित। डॉ. मनीष को मिले इस सम्मान के बाद स्वस्थ भारत के चेयरमैन आशुतोष कुमार सिंह ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि, डॉ. मनीष को मिले इस सम्मान से स्वस्थ भारत परिवार बहुत हर्षित है और स्वस्थ भारत के सपने को साकार करने में हमें समाज से और मदद मिलेगी।

बिहार के समस्तीपुर जिला के रामपुर विषुन (छोटी गोही) गांव के मूल निवासी डॉ. मनीष कुमार की हाई स्कूल तक की पढ़ाई गांव के ही प्राथमिक एवं उच्च विद्यालय में हुई। उनके पिता श्री हरेकृष्ण ठाकुर खेती-किसानी करते थे। उनकी मां सुशीला देवी जी सरकारी स्कूल में हिन्दी की शिक्षक हैं। इसका असर भी उनके जीवन पर पड़ा। पिता की सामाजिकता एवं माता जी का अकादमिक बैकग्राउंड ने बालक मनीष को गांव की मिट्टी से परिचय कराया। लोगों के दुःख दर्द को महसूसने का माहौल दिया। साल 1992 में सीबीएसई द्वारा आयोजित ऑल इंडिया प्रतियोगिता  परीक्षा पास कर एमबीबीएस में मदुरै मेडिकल कॉलेज (1992 से 1998) तमिलनाडु में नामांकन लिया। पीजी का एंट्रेंस पास करने के बाद अपोलो चेन्नई में डी एन बी न्यूरो सर्जरी (2002 से 2007) में नामांकन मिला। 2015 तक चेन्नई के अपोलो एवं एसआरएम और (SIMS) सिम्स जैसे अस्पतालों में काम करने के बाद देश की राजधानी दिल्ली की ओर प्रस्थान किए।

वर्त्तमान में अपने द्वारिका (नई दिल्ली) स्थित आवास और क्लिनिक के साथ अपने अस्पताल नजफगढ़ न्यूरोकेयर सेंटर के आलावा जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल, महाराजा अग्रसेन हॉस्पिटल तथा अपोलो हॉस्पिटल सरिता विहार में न्यूरोसर्जरी के रोगियों को सेवा प्रदान करते हैं। सभी प्रकार के  ब्रेन ट्यूमर, विभिन्न प्रकार के ब्रेन हेमरेज, मिर्गी आदि के अलावा स्पाइन से सबंधित बीमारियों का सर्जरी में विशिष्टता प्राप्त। "पैसे के कारण किसी का इलाज नहीं रुकना चाहिए - इलाज में देरी नहीं होनी चाहिए" के मन्त्र के साथ उच्च स्तर की अति विशिष्ट जटिल रोगों की सर्जरी के ध्येय के साथ नजफगढ़ न्यूरोकेयर सेंटर की स्थापना की है।

इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार सच्चिदानंद जोशी को साहित्य गौरव सम्मान से सम्मानित किया है। साथ ही स्थानीय पत्रकारों को पत्रकार प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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