नव वर्ष 2022 में राहु, केतु, शनि और गुरु ग्रहों का गोचर एवं उनका विभिन्न चंद्र राशियों पर होने वाला प्रभाव
2021 की समाप्ति और 2022 की शुरुआत बड़े ही नाटकीय ढंग से हुई है। यह हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि 2021 के आखिरी महीने यानी की दिसंबर महीने में कोरोना के एक और रूप ओमीक्रॉन ने बड़े ही अलग तरीके से, बिना किसी लक्षण के अचानक ही पूरे विश्व पर धावा बोल दिया। भारत या अन्य देश इसके रूप, स्वरुप, असर, परिणाम को जान और समझ पाते उससे पहले ही इसने लगभग पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया। कोरोना ने इस नए रूप में आकर सभी को एक बार फिर डरा दिया है।
गौरतलब और विशेष ध्यान देने योग्य जो बात है वोह यह की भले ही इस बार ये बहुत तेज़ी से फैला है लेकिन इसकी मारक शक्ति पिछली बार के मुकाबले काफी कम है। यहाँ हम आप सभी का ध्यान जुलाई 2021 में कई अख़बारों में छपे हमारे पिछले विश्लेषण की तरफ खींचने की कोशिश करेंगे जिसमे हमने काफी साफ तौर पर यह लिखा था कि कोरोना अप्रैल 2022 के पश्चात ही समाप्ति की ओर बढ़ेगा, उसके पहले नहीं।
न सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व में होने वाली घटनाएं, ज्योतिषशास्त्र के हिसाब से, ग्रहों के गोचर पर निर्भर करती हैं। अतः, क्योंकि 2022 की शुरुआत हो चुकी है तो हम इस वर्ष विभिन्न ग्रहों के गोचर को देखते और समझते हुए हम विभिन्न राशियों पर इन ग्रहों के गोचर की वजह से हो सकने वाले परिणामो या यूँ कह लीजिये की विभिन्न ग्रहों के गोचर का सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा या नकारात्मक यह समझने की कोशिश करेंगे। राहु, केतु , शनि एवं गुरु ग्रह गोचर में किसी भी एक राशि में लम्बे समय तक भ्रमण करते हैं। इसलिए इन ग्रहों का प्रभाव जनमानस पर थोड़ा ज्यादा पड़ता है। निसंदेह दूसरे ग्रहों का गोचर भी काफी प्रभाव डालता है, अतः हम इन सभी ग्रहों के गोचर को समझते हुऐ विभिन्न राशियों पर हो सकने वाले इनके असर के बारे में संक्छेप में जानने की कोशिश करेंगे।
सबसे पहले हम शनि ग्रह के गोचर को देखते है। शनि ग्रह साल 2022 की शुरुआत से लेकर लगभग 29 अप्रैल, 2022 तक मकर राशि में भ्रमण करेंगे। तत्पश्चात शनि ग्रह 29 अप्रैल, 2022 से मकर राशि में से निकल कर कुम्भ राशि में प्रवेश करेंगे। गोचर में शनि कुम्भ राशि में 12 जुलाई, 2022 तक रहेंगे और फिर वहां से वक्री होकर पुनः मकर राशि में प्रवेश करेंगे और वर्ष 2022 के अंत तक वह मकर राशि में ही रहेंगे।
वर्ष 2022 की शुरुआत से लेकर 13 अप्रैल, 2022 तक गुरु ग्रह गोचर में कुम्भ राशि में भ्रमण करेंगे। उसके बाद गुरु ग्रह कुम्भ राशि में से निकल कर मीन राशि में 13 अप्रैल, 2022 को प्रवेश करेंगे और वर्ष के अंत तक याने की 31 दिसंबर 2022 तक गुरु ग्रह गोचर में मीन राशि में ही रहेंगे।
राहु ग्रह वर्ष 2022 की शुरुआत से लेकर 12 अप्रैल, 2022 तक गोचर में वृषभ राशि में रहेंगे। राहु ग्रह हमेशा वक्री चाल चलते हैं। अतः 12 अप्रैल 2022 को वृषभ राशि में से निकल कर गोचर में राहु ग्रह मेष राशि में उसी दिन प्रवेश करेंगे। तत्पश्चात राहु ग्रह गोचर में साल 2022 के अंत तक मेष राशि में ही रहेंगे।
केतु ग्रह वर्ष 2022 की शुरुआत से लेकर 12 अप्रैल, 2022 तक गोचर में वृश्चिक राशि में रहेंगे। केतु ग्रह हमेशा वक्री चाल चलते हैं। अतः 12 अप्रैल, 2022 को वृश्चिक राशि में से निकल कर गोचर में केतु ग्रह तुलाराशि में उसी दिन प्रवेश करेंगे। तत्पश्चात केतु ग्रह गोचर में साल 2022 के अंत तक तुला राशि में ही रहेंगे।
अब हम ज्योतिषशास्त्र के माध्यम से यह समझने की कोशिश करेंगे की इन ग्रहों के भ्रमण का प्रभाव दूसरे ग्रहों के भ्रमण के साथ किन चंद्र राशियों पर कैसा पड़ सकता है। यहाँ चंद्र राशि का मतलब जन्म समय पर किसी की जन्मलग्न कुंडली में चन्द्रमा किस राशि में है, वह होगा। इसे सूर्य राशि या लग्न से जोड़ कर न देखें।
कर्क लग्न के स्त्री या पुरुष जिनकी जन्मलग्न कुंडली में चन्द्रमा मेष राशि में है, उनके लिए वर्ष 2022 स्वास्थ्य एवं संबंधों के हिसाब से नकारात्मक रह सकता है। इनको उनके सेहत का विशेष ख्याल रखना होगा तथा पारिवारिक संबंधों को भी काफी संभाल कर चलना होगा।
कर्क लग्न के स्त्री या पुरुष जिनकी जन्मलग्न कुंडली में चन्द्रमा मकर राशि में है, उन्हें भी न सिर्फ खुद का बल्कि अपने जीवन साथी के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना होगा। उन्हें बिना जरूरत की यात्रा से परहेज करना चाहिए। कमाई और खर्च का उचित समन्वय बना कर चलने की जरूरत रहेगी।
कर्क, वृश्चिक, मीन , वृषभ एवं तुला चंद्र राशि वाले स्त्री एवं पुरुषों को भी स्वास्थ्य एवं सम्बन्धों को लेकर सचेत रहना पड़ सकता है। बिना सोचे-समझे उठाया हुए कदम या जरूरत से ज्यादा दिखाया हुआ पराक्रम परेशानी खड़ी कर सकता है। हालाँकि नकारात्मक असर बहुत ज्यादा हो उसकी गुंजाईश थोड़ी कम दिखाई पड़ती है।
क्योंकि गुरु ग्रह 2022 में, पहले कुम्भ में भ्रमण करने के पश्चात मीन राशि में स्वग्रही होंगे और इसके साथ राहु अप्रैल से मेष राशि में आ जायेंगे, तो यह एक नयी शुरुआत की ओर संकेत दे रहे हैं। यह सभी लोगों को कारोबार या कामकाज या नौकरी के क्षेत्र में कुछ बदलाव के संकेत भी दे रहे है। परन्तु यह बदलाव धीमी गति से आएंगे क्योंकि शनि ग्रह कुम्भ राशि से पुनः वक्री होकर मकर राशि में होंगे साल 2022 के अंत तक।
आखिर में हम यह सारांश निकाल सकते हैं कि अप्रैल 2022 के पश्चात काफी बदलाव के संकेत आ रहे है पर वो होंगे आहिस्ता आहिस्ता। लोगों की सोच में भी चहुंतरफा परिवर्तन नजर आएंगे। कोरोना महामारी के भी काफी कमजोर पड़ने और समाप्ति की और बढ़ने के आसार अप्रैल 2022 के पश्चात बहुत प्रबल है।
[ऊपर किया हुआ आंकलन हमारी ज्योतिषशास्त्र की समझ और जानकारी की आधार पर है। इस आंकलन पर आम सहमति हो भी सकती है और नहीं भी। धन्यवाद।]
प्रस्तुति : ज्योतिषाचार्य राजकिशोर बंग
Cell: +91 9004737837 / +91 9920202022
Very useful 🙏
ReplyDeleteBest reading and prediction...
ReplyDeletethanks
DeleteThanks
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