समय का सदुपयोग

इस संसार में सभी चीजों को घटाया बढ़ाया जा सकता है, पर समय को नहीं। समय किसी के अधीन नहीं रहता। न वह रुकता है, न ही वह किसी की प्रतीक्षा करता है। काल करे सो आज कर, आज करें सो अब, पल में परलै होएगी, बहुरि करोगे कब



समय अमूल्य धन है। समय की दुनिया में अमीर-गरीब, ऊँच-नीच का भेदभाव नहीं है। जिसने भी समय के महत्व को पहचाना तथा उसका सदुपयोग किया, वह उन्नति की सीढ़ियों पर चढ़ता गया। जिसने समय का तिरस्कार किया, समय ने उसे बर्बाद कर दिया। विद्यार्थी जीवन में समय का अत्यधिक महत्व है। समय का सदुपयोग करने वाला


विद्यार्थी भावी जीवन में सफल होता है तथा एक सफल नागरिक बनता है। इसके विपरीत, समय को व्यर्थ की बातों में गँवाने वाला छात्र असफलता का मुँह देखता है। समय का सदुपयोग केवल कर्मठ तथा उद्यमी व्यक्ति ही कर सकता है. आलसी नहीं। आलस्य ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। विद्यार्थी को इस शत्रु से सावधान रहना चाहिए।
यही शत्रु समय को बर्बाद करता है। विद्यार्थी को अपने एक-एक क्षण के उपयोग के प्रति सचेत एवं सावधान रहना चाहिए। इसके लिए उन्हें अच्छे लोगों की संगति करनी चाहिए।

समय एक ऐसा देवता है, जो प्रसन्न होने पर यदि नेपोलियन तथा सिकंदर जैसा महान बना देता है, तो कुपित होने पर व्यक्ति का समूल नाश कर देता है। विद्यार्थी को अपना समय आमोद-प्रमोद, फ़ैशन तथा अनावश्यक बातों में नहीं खोना चाहिए। समय का सदुपयोग भाग्य निर्माण की आधारशिला है। समय के महत्व को न समझने वाले वास्तव में अभागे हैं। जो व्यक्ति अमूल्य समय का एक पल भी गँवा देता है, वह सारी उम्र पछताता है। अतः हमें समय का सदुपयोग करना चाहिए।शुकि्रया
- प्रेरणा यादव

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