जिस समाज या देश को अपराध से लड़ना है, वह किसी भी सूचना की अनदेखी नहीं कर सकता है। अगर हम हर सूचना पर तत्परतापूर्वक काम करेंगे तभी साइबर अपराध जैसी बड़ी चुनौती से निपटा जा सकेगा। साइबर क्राइम से लड़ने के लिए उपभोक्तावाद में नहीं मिशन मोड में जीना होगा। अगर श्रीलंका मिशन मोड में जी रहा होता तो वह दिवालिया नहीं हुआ होता।
डायनेमिक्स एंड पैराडिग्म्स ऑफ साइबर वर्ल्ड विषय पर दिल्ली के अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय सेंटर में शुक्रवार को प्रारंभ हुए दो-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरएसएस के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने ये बातें कहीं। इंटरनेट के उपयोग की संवेदनशीलता की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रकृति का नियम है कि हर प्रश्न के साथ ही उसका उत्तर का भी जन्म ले लेता है। कश्मीर घाटी में आतंकवाद को ध्वस्त करने में किसी भी प्राप्त सूचना पर काम करने की नीति ने बड़ी भूमिका निभाई। आज युद्ध के तरीके बदल रहे हैं। इसमें इंटरनेट की दुनिया का इस्तेमाल एक हथियार के तौर पर किया जाने लगा है। जब हम साइबर अपराध जैसी बड़ी वैश्विक चुनौती से लड़ रहे हों, तो हर सूचना महत्वपूर्ण हो जाती है। कोरोना संकट की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि चीन का वायरस लाखों लोगों की मौत का कारण बना। ऐसे समय में अगर भारत ने लॉक डाउन और वैक्सीन के इजाद से दुनिया को राह नहीं दिखाई होती तो और भी बड़ी जनहानि हो सकती थी। हमें अपनी उपलब्धियों पर गर्व करना सीखना होगा। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के बड़े मुद्दों से खुद को तटस्थ नहीं रख सकता है।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि ऐसे समय जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, साइबर अपराध और डेटा लॉ प्रोटेक्शन जैसे विषयों पर विमर्श की जरूरत बढ़ गई है। डेटा लॉ प्रोटेक्शन से जुड़े विधेयक को कुछ संशोधनों के साथ फिर लाया जाएगा।
चर्चा में भाग लेते हुए राष्ट्रीय जागरण सुरक्षा मंच के महासचिव गोलोक विहारी राय ने कहा कि साइबर की दुनिया आज एक ओर विकास का आधार बन रही है तो दूसरी ओर एक बड़ी चुनौती भी बन चुकी है। ऐसे में इस विषय पर व्यापक चर्चा की जरूरत है। साइबर अपराध लोगों की सुख-शांति के साथ ही देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बनकर सामने आए हैं। साइबर क्राइम ने अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को भी प्रभावित किया है। युद्ध के परंपरागत तरीकों में आज साइबर वॉर जैसा एक नया शब्द जुड़ गया है। साइबर के दुरुपयोग को हर हाल में नियंत्रित करना होगा। भारत में साइबर की शक्ति अपार है, लेकिन इसके नियमन की जरूरत है।
लेफ्टिनेंट जनरल राजेश पंत ने कहा कि आज हर क्षेत्र में साइबर निर्भरता बढ़ती जा रही है। चर्चा की शुरुआत आलोक विजयंत ने की। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राम राक्कप्पन ने किया। राष्ट्रीय जागरण सुरक्षा मंच के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र, विशेषज्ञ और विदेशी प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
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