विद्यालय का वार्षिकोत्सव

उत्सव मनुष्य के जीवन में आनंद और हर्ष का संचार करते हैं। विद्यालय का वार्षिकोत्सव विद्यार्थियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। यही वह अवसर है जब विद्यार्थी अपनी-अपनी प्रतिभाओं को दिखा सकते हैं। विद्यालय का यह उत्सव प्रायः दिसंबर मास के आस-पास मनाया जाता है। इसकी तैयारी एक महीने पूर्व ही प्रारंभ हो जाती है। इस उत्सव में विद्यालय के सभी छात्र-छात्राएँ तथा अध्यापक अध्यापिकाएँ अपना-अपना योगदान देते हैं।
हमारे विद्यालय में यह उत्सव दिसंबर की अठारह तारीख को मनाया गया। इसके लिए एक माह पूर्व तैयारी शुरू हो गई थी। इस दिन विद्यालय को खूब सजाया गया। शहर के जिलाधीश को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करने के साथ-साथ शहर के अन्य गणमान्य व्यक्तियों तथा अभिभावकों को भी आमंत्रित किया गया।

विद्यालय के भव्य मैदान में अतिथियों के बैठने का प्रबंध था तथा एक विशाल और ऊँचा मंच बनवाया गया था। ठीक तीन बजे मुख्य अतिथि पधारे। विद्यालय के बैंड ने धुन बजाकर उनका स्वागत किया। प्रबंधक महोदय एवं प्रधानाचार्य उनको लेकर मंच की ओर बढ़े। मंच पर पहुँचने के बाद प्रबंधक महोदय एवं प्रधानाचार्य ने पुष्पमालाओं से उनका स्वागत किया तथा उनको नियत स्थान पर बैठाया।

कार्यक्रम का शुभारंभ ईश वंदना से हुआ। उसके बाद मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्वलित किया। फिर कुछ रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। तत्पश्चात् प्रधानाचार्य जी ने विद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट पढ़कर सुनाई तथा मुख्य अतिथि ने मेधावी छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया। उसके बाद मुख्य अतिथि ने अपने भाषण में विद्यालय की सफलता तथा प्रगति की कामना की एवं विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम की खुले दिल से प्रशंसा की।

प्रधानाचार्य ने कार्यक्रम की सफलतापूर्ण प्रस्तुति के लिए छात्र-छात्राओं तथा अध्यापक अध्यापिकाओं की सराहना तथा अगले दिन अवकाश की घोषणा की, जिससे विद्यार्थियों में हर्ष की लहर दौड़ गई। अंत में प्रधानाचार्य ने मुख्य अतिथि तथा आए हुए अन्य अतिथियों को धन्यवाद दिया।

तत्पश्चात् राष्ट्रीय गान गाया गया और कार्यक्रम समाप्त हो गया। कार्यक्रम समाप्त होने के उपरांत कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों और विद्यार्थियों को जलपान करवाया गया। इस प्रकार हमारा यह वार्षिक उत्सव सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।


- प्रेरणा यादव

No comments:

Post a Comment