Skip to main content

 आईआईएसएसएम (IISSM) का दो दिवसीय 32वां वार्षिक ग्लोबल कॉन्क्लेव 18 और 19 नवम्बर को

इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटी एंड सेफ्टी मैनेजमेंट (आईआईएसएसएम) का 32वां वार्षिक ग्लोबल कॉन्क्लेव 18 और 19 नवंबर 2022 को हाइब्रिड मोड में आयोजित किया जाएगा। यह कॉन्क्लेव होटल क्राउन प्लाजा, ओखला फेज 1, नई दिल्ली में और इसके साथ ही वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर भी आयोजित किया जाएगा। इस दो दिवसीय अन्तराष्ट्रीय कॉन्क्लेव में देश-विदेश के एक हजार से अधिक विभिन्न व्यवसाय से जुड़े प्रोफेशनल, विशेषज्ञ और विद्वान चर्चा करेंगे। इस सम्मेलन के दौरान दिए गए विचार-विमर्श एवं सुझाव इस कॉन्क्लेव में शामिल सभी पेशेवरों को मदद करेंगे। साथ ही नई रणनीतियों को तैयार करने में सहायक होंगे।


आईआईएसएसएम की स्थापना श्री आर के सिन्हा, पूर्व संसद सदस्य (राज्य सभा) ने की थी। आई.आई.एस.एस.एम इन्डियन सोसाइटी एक्ट के तहत 1992 में पंजीकृत एक गैर-लाभकारी शैक्षिक संस्थान है। आई.आई.एस.एस.एम तीन दशकों से सुरक्षा, सुरक्षा और हानि निवारण उद्योग में शिक्षा और व्यावसायिकता के प्रसार में लगा हुआ है। आई.आई.एस.एस.एम एक आईएसओ 9001:2015 प्रमाणित संस्थान है। यह सुरक्षा पेशेवरों के लिए विषयगत और अनुकूलित पाठ्यक्रम चलाता है और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और सेमिनार आयोजित करता है। यह सुरक्षा और सुरक्षा लेखा परीक्षा आयोजित करता है और भारत सरकार और कॉर्पोरेट्स को परामर्श सेवाएं प्रदान करता है।


उल्लेखनीय है कि आई.आई.एस.एस.एम पिछले 32 वर्षों से हितधारकों को नियमित वार्षिक कॉन्क्लेव / सेमिनार और विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से सुरक्षा और हानि निवारण से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए जागरूक करने का प्रयास कर रहा है।

उद्घाटन समारोह 18 नवंबर 2022 को 1000 बजे होगा। उद्घाटन समारोह के बाद, कॉन्क्लेव में 2 मुख्य भाषण और 2 पैनल चर्चाएं निम्नानुसार होंगी: -


मुख्य भाषण 1 - राष्ट्र निर्माण में सुरक्षा, सुरक्षा और हानि निवारण की भूमिका।

पैनल 1: राष्ट्र निर्माण में सुरक्षा, सुरक्षा और हानि निवारण की भूमिका।
 
मुख्य भाषण 2 - तकनीकी प्रगति और सुरक्षा, सुरक्षा और हानि निवारण उद्योग में उनका अनुप्रयोग।

पैनल 2: तकनीकी प्रगति और सुरक्षा, सुरक्षा और हानि निवारण उद्योग में उनका अनुप्रयोग।

19 नवंबर 2022 को 2 मुख्य भाषण और 2 पैनल चर्चा इस प्रकार होगी: -

मुख्य भाषण 3 - सामरिक निहितार्थों और चुनौतियों में राष्ट्रीय महत्वपूर्ण अवसंरचना।

पैनल 3: सुरक्षा, सुरक्षा और हानि निवारण में साइबर सुरक्षा, रोबोटिक्स और ड्रोन
 
मुख्य भाषण 4 - स्मार्ट शहरों के प्रबंधन में तकनीकी प्रगति।

पैनल 4: स्मार्ट शहरों में सुरक्षा, सुरक्षा और हानि निवारण का प्रबंधन: ताकत, कमजोरियां, अवसर और खतरे

इसके अलावा, विभिन्न कंपनियों द्वारा कुछ उत्पाद प्रस्तुतियां दी जाएंगी। समापन समारोह 19 नवंबर 2022 को 1715 बजे आयोजित किया जाएगा।

Comments

Most Popular

घर में रखने योग्य मूर्तियां

हिंदू धर्म के अनुसार घर में सभी देवी-देवताओं के लिए एक अलग स्थान बनाया जाता है। हिंदू धर्म में देवताओं के लिए जो स्थान बता रखे हैं, लोगों ने वैसे ही अपने घरों में देवताओं को स्थापित किया है। आप सभी के घर में देवी-देवताओं का मंदिर जरूर होगा। सबसे पहले आपको बता दें कि घर के मंदिर को हमेशा ही साफ रखना चाहिए। मंदिर में किसी भी तरह की खंडित मूर्ति ना रखें। हम आपको ऐसे देवी-देवताओं के बारे में बताएंगे जिनकी पूजा घर पर नहीं होनी चाहिए। 1. भैरव देव:   भैरव देव भगवान शिव के एक अवतार हैं। भैरव देव की मूर्ति कभी भी अपने घर के मंदिर में नहीं रखनी चाहिए। अब आप बोलेंगे कि ऐसा क्यों है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भैरव तंत्र विद्या के देवता माने जाते हैं। भैरव देव की पूजा करनी चाहिए, परंतु घर के अंदर ऐसा नहीं करना चाहिए। 2. नटराज: कुछ लोग ऐसे होंगे जो नटराज जी की मूर्ति को घर में रखते होंगे। नटराज की मूर्ति देखने में तो बहुत सुंदर लगती है।यह मूर्ति भगवान शिव के रौद्र रूप की है। नटराज की मूर्ति को आप भूल कर भी घर के अंदर ना रखें, क्योंकि नटराज भगवान शिव के रौद्र रूप में है यानी भगवान शिव के क्रोधित रूप में ह

छात्रों में अनुशासनहीनता

छात्रावस्था अवोधावस्था होती है, इसमें न बुद्धि परिष्कृत होती है और न विचार। पहले वह माता-पिता तथा गुरुजनों के दबाव से ही कर्त्तव्य पालन करना सीखता है। माता-पिता एवं गुरूजनों के निमंत्रण में रहकर नियमबद्ध रूप से जीवनयापन करना ही अनुशासन कहा जा सकता है। अनुशासन विद्यार्थी जीवन का सार है। अनुशासनहीन विद्यार्थी न तो देश का सभ्य नागरिक बन सकता है और न अपने व्यक्तिगत जीवन में हो सफल हो सकता है।

भाषा सर्वेक्षण पर कालजयी किताब है भारत का भाषा सर्वेक्षण एवं भोजपुरी

भाषा सर्वेक्षण और भोजपुरी के संदर्भ में पृथ्वीराज सिंह द्वारा रचित पुस्तक 'भारत का भाषा सर्वेक्षण एवं भोजपुरी' एक कालजयी किताब है, जो गहन शोध पर आधारित एक श्रमसाध्य कार्य है । इस किताब का व्यापक महत्व है। उक्त बातें इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष सह वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय ने 'भारत का भाषा सर्वेक्षण एवं भोजपुरी' किताब के अनावरण सह परिचर्चा कार्यक्रम में कहीं। अनावरण सह परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र के उमंग सभागार में संपन्न हुआ।

विद्यालय का वार्षिकोत्सव

उत्सव मनुष्य के जीवन में आनंद और हर्ष का संचार करते हैं। विद्यालय का वार्षिकोत्सव विद्यार्थियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। यही वह अवसर है जब विद्यार्थी अपनी-अपनी प्रतिभाओं को दिखा सकते हैं। विद्यालय का यह उत्सव प्रायः दिसंबर मास के आस-पास मनाया जाता है। इसकी तैयारी एक महीने पूर्व ही प्रारंभ हो जाती है। इस उत्सव में विद्यालय के सभी छात्र-छात्राएँ तथा अध्यापक अध्यापिकाएँ अपना-अपना योगदान देते हैं।

फिल्म ‘आ भी जा ओ पिया’ की स्टारकास्ट ने दिल्ली में किया प्रमोशन

हाल ही में अभिनेता देव शर्मा और अभिनेत्री स्मृति कश्यप अपनी आनेवाली फिल्म ‘आ भी जा ओ पिया’ के प्रमोशन के सिलसिले में दिल्ली पहुंचे। कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली के पीवीआर प्लाजा में किया गया। यह फिल्म 7 अक्टूबर, 2022 को रिलीज होगी।