Skip to main content

विश्व का कल्याण करने वाला मानव बल भारत के पास है – शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान

तीन दिवसीय ज्ञानोत्सव के दूसरे सत्र को संबोधित करते हुए केन्द्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान जी ने कहा कि  शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका है। आने वाले 25 साल देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हम दुनिया की ज़िम्मेदारी लेने वाले लोग हैं। भारत संपन्न होगा तो विश्व भी संपन्न होगा। विश्व का कल्याण करने वाला मानव बल भारत के पास है। उन्होंने आगे कहा कि NEP के कुशल और सफल क्रियान्वयन से हम अपनी वैश्विक

जिम्मेदारी पूरा करेंगे। ज्ञानोत्सव का जो स्वरूप आज देखने को मिला है, उससे हम सब का आत्मविश्वास बढ़ा है। न्यास के ज्ञानोत्सव मॉडल और एकल प्रयोगों को राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने और इंस्टिट्यूशनल फ़्रेमवर्क में लाने के लिए मैं प्रतिबद्ध हूँ। शिक्षा के सबसे प्रारंभिक चरण बाल वाटिका के पाठ्यक्रम की रूप रेखा का शुभारंभ हमने कर लिया है।ऐसे समय में हम सब की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।

श्री प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने कहा है कि भारत की हर भाषा राष्ट्रीय भाषा है। एनईपी में स्कूली शिक्षा के अंतर्गत प्रारम्भिक 3-8 वर्ष के बच्चों के लिए मातृभाषा में पढ़ने का प्रावधान किया गया है। स्थानीय भाषा में पढ़ाई भारतीय शिक्षा पद्धति का अप्लाइड आसपेक्ट है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अगर हमें जन-जन तक पहुँचाना है तो हमें ग्लोसरी बनाना पड़ेगा। इससे एनईपी के सभी आयाम सहज रूप में लोगों तक पहुँच सकेगा। न्यास जैसे सामाजिक संगठन और समाज ग्लोसरी बनाने का दायित्व लेगा, ऐसी मेरी अपेक्षा है।


ज्ञानोत्सव के दूसरे दिन भारत सरकार के शिक्षा राज्य मंत्री श्री सुभाष सरकार ने कहा कि "राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षा का लक्ष्य आनंद प्राप्ति और विश्व का संरक्षण है। यह मानव मूल्य आधारित शिक्षा है। इस शिक्षा नीति की आत्मा में मानव की संपूर्ण शिक्षा है। यह क्लासरूम शिक्षा से ऊपर की शिक्षा है। इसमें प्रकृति और संस्कृति के संरक्षण को समाहित किया गया है। इस नीति के क्रियान्वयन में समाज को स्वयं आगे आकर भूमिका निभानी चाहिए। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा शिक्षा नीति के क्रियान्वयन तथा आत्मनिर्भर भारत के लिए यह ज्ञानोत्सव आयोजित किया गया है। इसके प्रतिभागी भारतीय शिक्षा के नक्षत्र हें । मैं न्यास का अभिनंदन करता हूं।"                      

दूसरे दिवस के पहले सत्र को संबोधित करते हुए शिक्षाविद डॉ. भूषण पटवर्धन ने कहा कि शिक्षण संस्थान वर्तमान समय में सभी "तुम से बड़ा मैं" की होड़ में लगे हुए हैं। शिक्षा की इस दौड़ से गुणवत्ता का ह्रास हो रहा है। शिक्षा में शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण है। शिक्षक को प्रतिबद्धता के साथ चरित्रवान और मूल्य का संरक्षण होना जरूरी है। शिक्षा में मातृभाषा का प्रभाव उसकी संपूर्ण शिक्षा पर पड़ता है। देवभाषा संस्कृति ज्ञान और नवीनता की भाषा है।


दूसरे सत्र में उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के नवाचारों को ज्ञानोत्सव में प्रस्तुत किया गया। चौधरी बंसी लाल वि. वि. के कुलपति डॉ आर के मित्तल ने संबोधित करते हुए बताया कि हमने न्यास के साथ मिलकर भारतीय मूल्य दर्शन पर पंचकोश के सिद्धांत का पाठ्यक्रम निर्माण कर उसे विश्वविद्यालय में लागू किया है।      

शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव श्री अतुल कोठारी ने ज्ञानोत्सव के दूसरे दिवस की संकल्पना को प्रतिभागियों के समक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास समाज के साथ मिलकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। ज्ञानोत्सव में न्यास ने शिक्षाविद, विद्यार्थी, अभिभावक, शिक्षक, प्राचार्य, कुलपति तथा शिक्षा के लिए काम करने वाली संस्थाओं को आमंत्रित कर इसे भारत केंद्रित शिक्षा नीति बनाया है। हम शिक्षा और आत्मनिर्भर भारत के लिए इसमें निरंतर चिंतन कर रहे हें।

Comments

Most Popular

प्रधानमंत्री मोदी ने किया एम्स नागपुर राष्ट्र को समर्पित

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज, 11 दिसंबर को एम्स नागपुर राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने नागपुर एम्स परियोजना मॉडल का निरीक्षण भी किया और इस अवसर पर प्रदर्शित माइलस्टोन प्रदर्शनी गैलरी का अवलोकन किया।

विज्ञान से लाभ-हानि

आधुनिक युग को 'विज्ञान का युग' कहा जाता है। आधुनिक जीवन में विज्ञान ने हर क्षेत्र में अद्भुत क्रांति उत्पन्न कर रखी है। इसने हमारे जीवन को सहज व सरल बना दिया है। विज्ञान ने मानव की सुख-सुविधा के अनेक साधन जुटाएँ हैं। टेलीफ़ोन, टेलीविजन, सिनेमा, वायुयान, टेलीप्रिंटर आदि विज्ञान के ही आविष्कार हैं। विद्युत के

Guest Post

Important Points For Guest Post- 1. The article should be minimum of 1000 words and should be unique, your original work. Previously posted articles on the internet are not accepted. 2. The content you write should be 100% unique, plagiarism* free and SEO friendly. Duplicate content will be rejected. 3. Always try to keep your paragraphs short, max 3-5 sentences; Short paragraphs are easier to understand and digest for the readers. 4. Please choose catchy headline. 5. The article should be in Microsoft word format or Text- Docs file and can be easily editable. 6. Along with your post, please send at least 5-6 good quality high resolution photos relevant to the post. 7. One featured image is necessary Also, remember once the content is published on our website it should not be published anywhere else. 8. Images must be at least 700 px size and should be relevant. No copyrighted image. 9. No racist, sexist, adult, casino or anti-religious posts allowed. 10. Content intent and grammar sho

 प्रधानमंत्री मोदी ने नागपुर रेलवे स्टेशन से वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 11 दिसंबर को नागपुर रेलवे स्टेशन से नागपुर और बिलासपुर को जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रधानमंत्री ने वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बों का निरीक्षण किया और ऑनबोर्ड सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने नागपुर और अजनी रेलवे स्टेशनों की विकास योजनाओं का भी जायजा लिया।

रैपर ‘नाज़’ के साथ झूमें छात्र

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और डिज़िटल लर्निंग के क्षेत्र की प्रमुख संस्था मैक्सिमम लर्निंग द्वारा क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एमटीवी हसल रैप आर्टिस्ट ‘नाज़’ की लाइव प्रस्तुति का आयोजन किया गया। इस संगीतमय प्रस्तुति के दौरान लगभग 200 की संख्या में छात्र व अन्य लोग उपस्थित थे।