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 पिछले 32 वर्षों से सिक्योरिटी प्रशिक्षण के लिए प्रतिबद्ध संस्था है आईआईएसएसएम

इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटी एंड सेफ्टी मैनेजमेंट (आईआईएसएसएम) के दो दिवसीय 32वां अन्तरराष्ट्रीय कॉन्क्लेव की शुरुआत आज, 18 नवंबर को दिल्ली में हुई। यह कॉन्क्लेव होटल क्राउन प्लाजा, ओखला फेज 1, नई दिल्ली के खचाखच भरे हॉल के साथ ही वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर भी आयोजित किया गया है। जिसमें पूरे विश्व के हजारों सुरक्षा विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस बार कॉन्क्लेव का थीम “राष्ट्र निर्माण में सुरक्षा, सुरक्षा और हानि निवारण की भूमिका” है।


उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए आईआईएसएसएम के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व राज्यसभा सांसद आर.के सिन्हा ने कहा कि सुरक्षा के क्षेत्र में प्रशिक्षण का विशेष महत्व है। सुरक्षा एजेंसियों को समय-समय पर नई तकनीक से खुद को अपग्रेड करते रहना चाहिए। उन्होंने आईआईएसएसएम की स्थापना के उद्देश्य के विषय में बताते हुए कहा कि जब 1989 में मैं पटना में एक छोटी सी ही सिक्यूरिटी कम्पनी चलाता था तब दिवंगत पदमश्री के. एन. प्रसाद जो भारतीय पुलिस सेवा की पहले बैच के टॉपर अधिकारी थे, ने मुझे कहा कि सिक्योरिटी के प्रोफेशन के उत्थान लिए भी कुछ करना चाहिए। जो लोग प्राइवेट सिक्यूरिटी के क्षेत्र में आ रहे हैं उनके पास अपने क्षेत्र की अच्छी जानकारी तो है, लेकिन उनके पास इस क्षेत्र की बारीकी की ज्यादा जानकारी नहीं होती। उन्हें इस प्रशिक्षण की ज़रूरत है कि ग्राहक प्राइवेट सिक्योरिटी से क्या अपेक्षा करते हैं?

उन्होंने आगे बताया कि प्राइवेट सिक्यूरिटी हानि-बचाव के लिए काम करती है। कोई घटना होने से पहले उससे कैसे बचा जा सकता है। आगजनी, प्राकृतिक आपदा, चोरी इत्यादि जैसी घटनाओं से तकनीक और प्रशिक्षण के सही उपयोगके माध्यम से कैसे बचा जा सकता है।


आईआईएसएसएम के अध्यक्ष एस के शर्मा, पूर्व महानिदेशक (राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) ने बताया कि कोरोना महामारी के बाद सिक्योरिटी की ज़िम्मेदारी बढ़ गई है। हमें बदलती परिस्तिथि के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। श्री आर के सिन्हा पिछले 32 सालों से इस संस्था को निस्वार्थ चला रहे हैं यह बहुत बड़ी बात है।

उल्लेखनीय है कि इस दौरान सुरक्षा और उससे जुड़े हानि निवारण उद्योगों के आधुनिकीकरण विषय को लेकर देश-विदेश के एक हजार से अधिक विभिन्न व्यवसाय से जुड़े पेशेवर, विशेषज्ञ और विद्वान इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं और चर्चा कर रहे हैं।

आज 18 नवंबर 2022 को उद्घाटन समारोह के बाद, कॉन्क्लेव में 2 मुख्य प्रस्तुति और 2 पैनल चर्चाएं हुई। पैनल 1 में सुरक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों ने राष्ट्र निर्माण में सुरक्षा, बचाव और हानि निवारण की भूमिका पर चर्चा की। द्वितीय सत्र में मुख्य भाषण में तकनीकी प्रगति और सुरक्षा, सुरक्षा और हानि निवारण उद्योग में उनका अनुप्रयोग पर जानकारी दी गई। पैनल 2 में तकनीकी प्रगति और सुरक्षा, बचाव और हानि निवारण उद्योग में उनका अनुप्रयोग विषय पर विशेषज्ञों ने चर्चा की।

उल्लेखनीय है कि आई.आई.एस.एस.एम पिछले 32 वर्षों से हितधारकों को नियमित वार्षिक कॉन्क्लेव / सेमिनार और विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से सुरक्षा और हानि निवारण से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए जागरूक करने का प्रयास कर रहा है।

आई.आई.एस.एस.एम की स्थापना पूर्व विशेष सचिव गृह पद्मश्री के. एन. प्रसाद और श्री आर के सिन्हा, पूर्व संसद सदस्य (राज्य सभा) ने संयुक रूप से 1990 में  की थी। आई.आई.एस.एस.एम इन्डियन सोसाइटी एक्ट के तहत 1992 में पंजीकृत एक गैर-लाभकारी शैक्षिक संस्थान है। आई.आई.एस.एस.एम तीन दशकों से सुरक्षा, बचाव और हानि निवारण उद्योग में शिक्षा और व्यावसायिकता के प्रसार में लगा हुआ है। आई.आई.एस.एस.एम एक आईएसओ 9001:2015 प्रमाणित संस्थान है। यह सुरक्षा पेशेवरों के लिए विषयगत और अनुकूलित पाठ्यक्रम चलाता है और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और सेमिनार आयोजित करता है। यह सुरक्षा और सुरक्षा लेखा परीक्षा आयोजित करता है और भारत सरकार और कॉर्पोरेट्स को परामर्श सेवाएं प्रदान करता है।

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