संगत-पंगत का काम लोगों को जोड़ कर जरूरतमंद की मदद करना है- आर. के. सिन्हा

पूर्वी दिल्ली के गुरु अंगद नगर स्थित सामुदायिक भवन में  संगत -पंगत का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि श्री आर. के. सिन्हा थे। इस कार्यक्रम की शुरुआत चित्रगुप्त भगवान की आरती से हुई। इसका आयोजन संगत-पंगत के द्वारा किया गया।


श्री आर. के. सिन्हा ने संगत -पंगत के उद्देश्यों के बारे में बताया और उन्होंने कहा कि संगत -पंगत की शुरुआत 2016 से हुई थी। हर महीने संगत पंगत का देश और विदेश में कई जगह आयोजित रहता हैं। संगत -पंगत का मुख्य उद्देश्य एक-दूसरे को जानना और मिलना है जिससे समाज को एकजुट रहे। एक-दूसरे की मदद कीजिए। यह कोई संस्था नहीं है, यहां कोई चुनाव नहीं होता और न ही कोई सदस्यता है। फिर भी देश के कोने-कोने में लोग खुद संगत-पंगत का आयोजन कर रहे हैं।


मैं मानता हूं कि दौलत नहीं कमा पाया लेकिन तुम्हारा हर गम खरीद सकता हूं। डा. विष्णु सक्सेना ने इस कविता से शुरूआत कर समां बांध दिया। नवोदित गायिका सृष्टि सिन्हा और भोजपुरी गायिका मनीषा श्रीवास्तव ने अपनी गायिकी से अतिथियों का मन मोह लिया। गाजियाबाद से श्री अशोक श्रीवास्तव, श्री देवेन्द्र कुमार कुलश्रेष्ठ, बिहार से श्री सुशील वर्मा, रोहतक से श्री हर्ष कुलश्रेष्ठ, गाजियाबाद से नाट्यकर्मी श्री अक्षयवर  श्रीवास्तव, संयोजक श्री अनुरंजन श्रीवास्तव एवं अंतर्राष्ट्रीय सायोजिका श्रीमती रत्ना श्रीवास्तव सहित कई गणमान्य अतिथियों ने संगत-पंगत के अपने अनुभव साझा किए। निवेदक संस्था अखिल भारतीय कुलश्रेष्ठ संघ थी।

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