प्रेस एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष संतोष ठाकुर ने कहा कि इस योजना में ना केवल शहरों बल्कि मधुबनी, दरभंगा, भागलपुर और अन्य ग्रामीण क्षेत्र के पत्रकारों को भी शामिल किया जाए. वह दिन रात फील्ड में रहकर जान की बाजी लगाते हुए जनता तक समाचार पहुंचाने का कार्य करते हैं. साथ ही सरकार को भी सजग प्रहरी बनकर जमीनी हकीकत से अवगत कराते हैं.
प्रेस एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष संतोष ठाकुर ने कहा कि न केवल दिल्ली, मुंबई, पटना बल्कि देश के लाखों लाख पत्रकार इस समय कोरोना योद्धा के रूप में कार्यरत हैं. ऐसे में उन्हें भी सामाजिक सुरक्षा और कोरोना टेस्ट की सुविधा उपलब्ध कराने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि मिथिलांचल में लोगों पर दोहरी मार पड़ी है. एक और कोरोना है. तो, दूसरी ओर ओलावृष्टि ने नुकसान किया है. राज्य सरकार ने इसको लेकर कदम भी उठाए हैं. लेकिन इस समय स्थितियों की वजह से कई किसान जिसमें खासकर बाहर से आए बिहार के मूलनिवासी शामिल हैं वे विभिन्न कारणों से अपना इनपुट आवेदन नहीं दे पाए हैं. ऐसे में सरकार सरकार से वह अनुरोध करते हैं की इनपुट आवेदन नहीं देने वाले किसानों को भी मुआवजा योजना का लाभ दिया जाए.
मिथिलांचल के पत्रकारों की राष्ट्रीय प्रतिनिधि संस्था मैथिल पत्रकार ग्रुप ने भी प्रेस एसोसिएशन की इस मांग का समर्थन किया है. उसने कहा है कि मिथिला के सभी पत्रकारों को मुफ्त कोरोना टेस्ट, बीमा और किसानों को ओलावृष्टि से राहत पैकेज दिया जाए.
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