कोरोना संकट काल में इस वायरस से बचाव का मुख्य आधार शरीर में मौजूद प्रतिरोधक क्षमता ही है। ऐसे में प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए खानपान पर ध्यान देना काफी जरूरी है खासकर बच्चों के आहार पर। आजकल फ्रेंच फ्राइज, पोटैटो चिप्स, समोसा, कूकिस, बर्गर, कोल्ड ड्रिंक्स, केक व पिज्जा बच्चों का मनपसंद भोजन बना हुआ है. परन्तु इस प्रकार के खाद्य पदार्थों के बढ़ते प्रचलन ने बच्चों को पोषक तत्वों से दूर कर दिया है।
बच्चा जो भी भोजन करता है, उसका प्रभाव उसके विकास पर पड़ता है। जंक फूड के बढ़ते प्रचलन ने बच्चों को घर के भोजन से दूर रखा हुआ है। उन्हें दूध के बजाय कोल्ड ड्रिंक पसंद है, और दाल-रोटी, सब्जी के बजाय पिज्जा और बर्गर। टीनएज में भी इस प्रकार के भोजन को खाने के कारण मोटापाग्रस्त हो जाना अधिक देखने को मिल रहा है इसीलिए फिटनेस सेंटर्स की तादाद भी बढ़ती जा रही है।
मोटापा ना केवल शरीर को बदसूरत बना देता है, बल्कि कई गंभीर रोग के होने की भी संभावना को बढ़ा देता है। हृदय रोग, मधुमेह आदि कई रोगों का जड़ है मोटापा। मोटे बच्चे दूसरे बच्चों के मजाक का कारण भी बनते है, जिससे उनमें हीनभावना पनपती है और उनका मानसिक विकास भी प्रभावित होता है। जंक फूड के प्रिजर्वेटिव बच्चों को कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं का शिकार बना देते हैं।
अधिक कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन भी बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। जंक फूड में कैलोरी और फैट्स की मात्रा बहुत अधिक होती है। विटामिन, मिनरल जैसे पोषक तत्व जो बच्चे के विकास के लिए आवश्यक है, उसकी कमी रहती है। एक मिडिल साइज बर्गर में अनुमानित 245 कैलोरी और 1 कोल्ड ड्रिंक में 159 कैलोरी की मात्रा होती है। हाल ही में हुए एक शोध में पाया गया है जो लोग जंक फूड का अधिक सेवन करते हैं, उनमें एचडीएल अच्छे कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम पाया जाता है। इसके साथ ही रक्त में पाए जाने वाले एक रसायन होमोसिस्टीन का स्तर अधिक होता है जिसके कारण हृदय रोग की संभावना बढ़ जाती है। मोटापाग्रस्त व्यक्तियों के लिए तो इसका सेवन नुकसानदेह है।
अगर प्रारंभ से ही बच्चें में अच्छी व स्वस्थ आदतें डाली जाए तो उन्हें कई बीमारियों से बचा सकते हैं। उन्हें प्रारंभ से ही पोषक तत्वों के लाभ से परिचित करवाएं। घर में जो भी भोजन बनाएं उसे आकर्षक बनाने की कोशिश करें ताकि बच्चें बाहर के बने भोजन के प्रति आकर्षित ना हों। जो भोज्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं उन्हें प्रारंभ से ही प्रयोग में लाएं।
-प्रेरणा यादव
एमिटी यूनिवर्सिटी कोलकाता
Good
ReplyDeleteUpasana: 👍👍👍
ReplyDeleteGood
ReplyDeleteDeepanwita Dey: wow😍
ReplyDeleteWow
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