आज हर तरफ कोरोना वायरस की चर्चा है। देश में लॉकडाउन 50 दिन से आगे बढ़ चुका है। सभी तरह के कारोबार और आर्थिक गतिविधियों में एक तरह से बंदी है। पूरी दुनिया अब तक की सबसे बड़ी आर्थिक मंदी का सामना कर रहीं है। भारतीय अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हुई है। ऐसे में निवेश को लेकर चिंता अधिक है। वैसे निवेशक, जो अब तक लगातार निवेश करते आ रहे थे, उनके मन में भय है। ज्यादातर निवेश अभी निगेटिव रिटर्न दिखा रहे हैं। ऐसे में निवेशकों को समझ में नहीं आ रहा कि ऐसी स्थिति में क्या करें?
किसी को नहीं पता कि कोविड-19 की वजह से ग्लोबल इकनॉमिक को कितना नुकसान होगा। इसको लेकर दुनिया भर के अर्थशास्त्रियों के बीच मतांतर है। जो सबसे बड़ा नुकसान इकोनॉमी में होगा वह मांग की कमी की वजह से होगा। इसका मतलब यह हुआ कि उपभोक्ता इनके सेवाओं को लेने वाले नहीं होंगे, जैसे लोग हवाई जहाज में यात्रा तो करना चाहते हैं, पर सेवा नहीं है। लोग बाहर खाना चाहते हैं, पर रेस्टोरेंट नहीं है। कंपनियां अपने नुकसान को कम करने के लिए नौकरियों में कटौती करेगी। और इससे जो बेरोजगारी बढ़ेगी, वह मांग को और भी कम करेगी।
इसलिए कहा जा रहा है कि यह वैश्विक मंदी कही ग्रेट डिप्रेशन की तरफ न हो जाए। इसमें आशा की किरण यही है, बाजार में आई इस मंदी को सरकारी खर्चों से कुछ हद तक पाटा जा सकता है। इसलिए देखने में मिलेगा कि बहुत सारी सरकारें अपनी योजनाओं से लोगों के घरों तक पहुंचने की कोशिश करेगी और इस संकट में कुछ सेक्टर को फायदा मिलेगी, जैसे ई-कॉमर्स, फूड रिटेल बिजनेस और हेल्थ केयर इंडस्ट्रीज में कुछ नये अवसर आयेंगे जो कि इस मंदी को कुछ हद तक कम करने में सफल होंगे।
इस बार की आर्थिक मंदी पहले की मंदियों से अलग है, क्योंकि यहां लोगों को घरों में बंद किया गया है। यह क्रिएटेड मंदी है। इंडस्ट्रीज को बंद किया गया है। डिमांड को पोस्टपोन किया गया है। इसका यह तात्पर्य हुआ कि जैसे ही इकोनॉमी खुलेंगी। हमें कुछ हद तक वापस लोग दुकानों मे मिलेंगे और सुधार में तेजी आ सकती है।
कैश इज द किंग: दुनिया में जब भी इस तरह की मंदी आयी है यह हमेशा से रहा है कि जिसके पास भी नकदी या कैश इक्वीवैलेट रहा है, वह हमेशा फायदे में रहा है, अगर आपके पास नकद है तो आपको स्टैटिजी बनाने में, तरलता रखनें में और निवेश के नये मौके आने पर सही निवेश के फैसले लेने में आसानी होती है जो आगे चलकर बहुत ही लाभकारी होता है।
रिटर्न के पीछे न भागे: मंदी आती है लोग भावनात्मक निर्णय ज्यादा लेना शुरू कर देते हैं और ज्यादा रिटर्न के चक्कर में नुकसान कर बैठते हैं। गोल्ड, इक्वटीज , डेब्ट फंड , रियल इस्टेट और कॉमोडिटीज निवेश के अच्छे अवसर के रूप में दिखने लगते हैं। पर बिना जोखिमों को समझे ज्यादा रिटर्न पाने के चक्कर में फंस जाते हैं।
-भावना भारती
एमिटी यूनिवर्सिटी
कोलकाता
Well written
ReplyDeleteNice !
ReplyDeleteUpasana: 👍👍👍
ReplyDeleteDeepanwita Dey : really good points 👍👍
ReplyDelete👍👍👍👍
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