अस्मिता एक गौरव गाथा पुस्तक का विमोचन

प्रेरणा शोध संस्थान न्यास के तत्वाधान में मंगलवार 12 अप्रैल को नोएडा के एंटरप्रिनियोर्स एसोसिएशन में श्री विशाल कुमार जी द्वारा लिखित पुस्तक अस्मिता एक गौरव गाथा का विमोचन किया गया।


कार्यक्रम में मुख्यअतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती विमला बाथम जी उपस्थित रही। वहीं मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख श्रीमान नरेन्द्र ठाकुर जी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर की गई।


इस दौरान श्रीमान नरेन्द्र ठाकुर ने कहा कि भारत की दृष्टि भारतीय महिला और पुरुषों को एक समान देखता है, यहां शिव और शक्ति दोनों की पूजा एकसाथ होती है। लेकिन पश्चिमी सभ्यता ने देश की महिलाओं और पुरुषों में अंतर पैदा कर दिया। उन्होंने अपने आगे के वक्तव्य में स्वामी विवेकानंद जी के विचारों का वर्णन करते हुए बताया कि कैसे स्वामी विवेकानंद जी ने शिकागो में बताया कि आपके देश मे सभी महिलाओं की किस नजर से देखा जाता है जबकि हमारे देश मे पत्नी को छोड़कर सभी को माँ के रूप में देखा जाता है।

अस्मिता एक गौरव गाथा पुस्तक पर बात करते हुए लेखक श्री विशाल कुमार जी ने कहा कि दुनिया में विभिन्न सांस्कृतिक के लोग निवास करते हैं, लेकिन भारतीय संस्कृति में जो स्थान महिलाओं का है वह किसी दूसरी संस्कृति में नहीं है। उन्होंने कहा कि हिन्दू संस्कृति में दुर्गा शक्ति की सबसे बड़ी केन्द्र हैं, लक्ष्मी धन की सबसे बड़ी केन्द्र बिन्दु तथा सरस्वती विद्या की सबसे बड़ी केन्द्र बिन्दु है जो कि नारी ही हैं। भारत की लगभग सारी नदियां जिनका नाम महिलाओं के नाम पर है। पुरातन काल में भारतीय संस्कृति में महिलाओं का बहुत ही उच्च स्थान था बाद में कुछ ऐसे कालखंड आए जिसमें महिलाओं के वैभव में थोड़ी सी गिरावट आई है। लेकिन धीरे-धीरे भारत की नारियां पुनः अपने वैभव को प्राप्त करने के लिए खड़ी हो रही हैं। नारियों की इन्हीं प्रयासों को अस्मिता एक गौरव गाथा नामक पुस्तिका में दर्शाया गया है।


पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में  कृपा शंकर जी, दिनेश गोयल जी, रमन चावला जी, नवाब सिंह नागर  उपस्थित थे


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