भ्रष्टाचार के मामले में जेल गए सत्येंद्र जैन को मंत्री पद से बर्खास्त नहीं करने को लेकर भाजपा नेता एवं पार्टी के मुखर वक्ता महेश वर्मा ने सवाल उठाया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल यह बताए कि सत्येंद्र जैन के जेल जाने के बाद भी मंत्री पद पर उनको बनाए रखने का उनका खेल क्या है? उनकी यह मंशा, जनता के बीच एक संशय पैदा करता है साथ ही संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति के जेल जाने के बाद भी उसे पद पर बनाए रखना संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था पर कुठाराघात है।
ऐसे में उन्होंने ने इसके लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल आड़े हाथ लेते हुए कहा कि केजरीवाल जी भ्रष्टाचार के क्रांतिकारी है या भ्रष्टाचार के पुजारी है। जनता को यह बात समझनी होगी।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ़्तार किए जाने के बाद संविधानिक संकट भी खड़ा हो गया है क्योंकि उनके जेल जाने के बाद भी उनका संवैधानिक पद पर बनाए रखना या बना रहना संविधान की पूर्ण रूप से अवहेलना है। किसी भी जनसेवक का 48 घंटे से ज़्यादा जेल बिताए जाने बाद उसके पद से मुक्त करने के प्रावधान की भी अनदेखी भी है।
इसी के मद्देनज़र श्री वर्मा ने यह सवाल उठाया है कि श्री जैन की बर्ख़ास्तगी नहीं करने के पीछे की मंशा से क्या है जिससे हमारी प्रजातांत्रिक व्यवस्था को भारी क्षति पहुँचेगी। इससे भारतीय जनता का लोकतांत्रिक व्यवस्था भरोसा ना उठ जाएगा। इसलिए भी श्री जैन को मंत्री पद हटाना देना चाहिए। उनका कहना था कि राजनीति की नैतिकता और शुचिता वश भी श्री जैन को चाहिए वह अपने पद से इस्तीफ़ा दे दें पर ऐसा वह करेंगे इस पर संदेह है।
श्री वर्मा ने कहा कि श्री जैन के जेल के बाद भी उनका अनुचित और अनैतिक तरीक़े से मंत्री पद बने रहना किसी भी तरह से भारतीय जनता को सहन नहीं करेगी। ऐसे में जन प्रतिकार सम्भावना बढ़ जाती है
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