Skip to main content

आईआईएम काशीपुर ने 344 एमबीए स्नातकों को 10वें दीक्षांत समारोह में डिग्री प्रदान की

IIM काशीपुर ने अपने प्रमुख दो वर्षीय MBA (2021- 2023 बैच), एमबीए एनालिटिक्स, एक्सेक्यूटिव एमबीए और डाक्टरल कार्यक्रम के लिए अपने 10वें दीक्षांत समारोह की मेजबानी की। संस्थान ने कुल 353 छात्रों को डिग्री प्रदान की, जिनमें 9 डाक्टरल और 344 एमबीए स्नातक (260 दो वर्षीय एमबीए, 58 एमबीए एनालिटिक्स छात्र, और 26 एक्सेक्यूटिव एमबीए छात्र) शामिल हैं।


मुख्य अतिथि द्वारा शीर्ष प्रदर्शन करने वाले 07 छात्रों को संस्थान पदक और 01 छात्र को सर्वश्रेष्ठ आल राउंड प्रदर्शन पदक से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, 13 एमबीए छात्रों और 03 एमबीए (एनालिटिक्स) छात्रों को डायरेक्टर्स मैरिट लिस्ट से सम्मानित किया गया।

स्वर्ण पदक प्राप्तकर्ता त्वरित मांगलिक, एमबीए बैच 2021-23; सलोनी सिंघल, एमबीए (एनालिटिक्स) बैच 2021-23; सौरभ दीक्षित, ईएमबीए बैच 2020-22; रजत पदक प्राप्त करने वालों में अभिकांत प्रत्युष सिंह, MBA बैच 2021-23, भावना मल्होत्रा, MBA (एनालिटिक्स) बैच 2021-23, आशीष शर्मा, EMBA बैच 2020-22 थे; तनिष्क जायसवाल, एमबीए बैच 2021-23 ने कांस्य पदक प्राप्त किया। सर्वश्रेष्ठ ऑल-राउंड प्रदर्शन के लिए स्वर्ण पदक भावना मल्होत्रा, एमबीए (एनालिटिक्स) बैच 2021-23 को प्रदान किया गया।

दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता समारोह के मुख्य अतिथि - श्री मृगांक परांजपे, एनसीडीईएक्स ई-मार्केट्स लिमिटेड के एमडी और सीईओ; श्री संदीप सिंह, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, आईआईएम काशीपुर के अध्यक्ष; प्रोफेसर कुलभूषण बलूनी, निदेशक, आईआईएम काशीपुर ने की, साथ ही में  संसथान के डीन, फैकल्टी, अन्य गणमान्य व्यक्ति और छात्र मौजूद रहे।


एनसीडीईएक्स ई-मार्केट्स लिमिटेड के एमडी और सीईओ श्री मृगांक परांजपे ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा, “स्नातक करने वाले छात्रों के लिए आज का दिन एक महत्वपूर्ण अवसर है क्योंकि वे अपने जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत कर रहे हैं। आईआईएम काशीपुर अकादमिक उत्कृष्टता के लिए अपनी प्रतिबद्धता और आज के गतिशील कारोबारी माहौल में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान को विकसित करने के लिए प्रसिद्ध है। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि स्नातक वर्ग अपने संबंधित क्षेत्रों में बड़ी सफलता हासिल करेगा, और मैं उन्हें उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देता हूं।“

दूसरी पीढ़ी के इस आईआईएम काशीपुर की एक दशक की यात्रा ने कई मुक़ाम हांसिल किए हैं। 2011 में स्थापित, संस्थान ने अपने दो वर्षीय एमबीए प्रवेश में सात गुना वृद्धि दर्ज की है। उद्योग की मांग को ध्यान में रखते हुए, आईआईएम काशीपुर ने अपने एमबीए एनालिटिक्स और एक्जीक्यूटिव एमबीए प्रोग्राम शुरू किए हैं जो देश के नए युग के वाणिज्य के लिए विश्लेषणात्मक रूप से विशेषज्ञ छात्र प्रदान कर रहे हैं। बीएफएसआई में 122 छात्र और आईटी एनालिटिक्स में 36 छात्र, ई-कॉमर्स और रिटेल एंड मैनेजमेंट कंसल्टेंसी में 68 छात्र को नौकरी के ऑफर मिले है और इन्हीं कक्षेत्रों की प्रबंधन शिक्षा के आईआईएम काशीपुर जाना जाता है। पिछले पांच साल से यही क्षेत्रों की कंपनी कैंपस हायरिंग के लिए उत्सुकता से हिस्सा ले रही है।

आईआईएम काशीपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष श्री संदीप सिंह ने कहा, "मुझे इन भविष्य के युवा नेताओं में पर गर्व है जो कॉर्पोरेट जगत की चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक कौशल से सज्ज हैं। आईआईएम काशीपुर ने हमेशा अपने छात्रों को निर्माणकारी शिक्षा प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया है, और मुझे विश्वास है कि स्नातक बैच देश में अपने संबंधित क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करेंगे। हमने कैंपस इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के लिए संस्थान के कॉर्पस फंड से करीब 70 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इस कदम से यह सिद्ध होता है कि संस्थान पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो गया है और यह संसथान के सभी हितधारकों के सामूहिक प्रयासों के कारण संभव हो सका है।"

संस्थान की वार्षिक रिपोर्ट पेश करते हुए, आईआईएम काशीपुर के निदेशक प्रो. कुलभूषण बलूनी ने कहा, “आईआईएम काशीपुर उच्च गुणवत्ता के संशोधन उत्पादन के लिए जाना जाता है, संसथान के संकायों और विद्वानों ने राष्ट्र के विकास के लिए 77 शोध लेख प्रकाशित किए हैं। आईआईएम काशीपुर उच्च गुणवत्ता के संशोधन उत्पादन के लिए जाना जाता है, संसथान के के संकायों और विद्वानों ने राष्ट्र के विकास के लिए प्रकाशित 77 शोध लेख प्रकाशित किए हैं।आईआईएम काशीपुर के 10वें दीक्षांत समारोह के सफल समापन को देखकर मुझे खुशी हो रही है। हमारे स्नातक छात्रों ने कोविड-19 के बाद के दौर में विश्व में आई अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना करने के लिए असाधारण नेतृत्व गुणों और कौशल का प्रदर्शन किया है। में उनके भविष्य में आने वाले व्यावसायिक प्रदर्शन और उनकी उपलब्धियों के लिए शुभकामना देता हूं।”


विशेष रूप से, आईआईएम काशीपुर ने इस वर्ष INR 37 LPA के उच्चतम पैकेज के साथ 100% प्लेसमेंट हांसिल किया है। बैच 2021-23 का औसत सीटीसी 19% की साल-दर-साल (YOY) वृद्धि के साथ INR 18.11 LPA है। 2022 में 77 महिला छात्रों की प्लेसमेंट की तुलना में 2023 में 91 महिला छात्रों की प्लेसमेंट अनुपात में 18% की वृद्धि हुई है। रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड, एचएसबीसी, ब्लूमबर्ग, ट्रेसविस्टा, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक, ईएक्सएल एनालिटिक्स, ईवाई, गार्टनर, थेमैथको, नोमुरा, एचएसबीसी, मॉर्गन स्टेनली, बैंक ऑफ अमेरिका, सोसाइटी जेनरेल, इंवेस्को सहित लगभग 150 कंपनियों ने प्लेसमेंट टाटा कैपिटल और कई बड़ी कंपनियों ने 2023 के प्लेसमेंट मुहीम में हिस्सा लिया। आईटी और एनालिटिक्स, बीएफएसआई, रिटेल और ई-कॉमर्स सेक्टर जैसे प्रमुख क्षेत्रों में  छात्रों को परामर्श, वित्त, विपणन और बिक्री, संचालन, एनालिटिक्स और एचआर की भूमिकाओं में नौकरी की ऑफर मिली।

आईआईएम काशीपुर ने इनक्यूबेशन सेंटर फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट (FIED) की स्थापना की है, और राज्य सरकार के साथ सहयोग करके उत्तराखंड राज्य में उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में भी योगदान दिया है। FIED ने लगभग 140+ स्टार्टअप्स को धन जुटाने में मदद करके और स्केलिंग-अप रणनीति प्रदान करके इनक्यूबेट किया है। आईआईएम काशीपुर FIED द्वारा कुछ इनक्यूबेटेड स्टार्टअप देश में सफलता की कहानियां बना रहे हैं। बीजक ने 34.1 मिलियन डॉलर, लूपवर्म ने 3.4 मिलियन डॉलर और ग्रीनपॉड लैब्स ने बाहरी निवेशकों से 0.54 मिलियन डॉलर जुटाए। पोल्ट्रीमोन, एनकोष, इन्फ़ीयू लैब्स और कई अन्य स्टार्टअप्स ने भी योग्यता के आधार पर और अन्य पंजीकृत स्टार्टअप्स को रास्ता दिखाते हुए धन उत्पन्न किया है।

Comments

Most Popular

घर में रखने योग्य मूर्तियां

हिंदू धर्म के अनुसार घर में सभी देवी-देवताओं के लिए एक अलग स्थान बनाया जाता है। हिंदू धर्म में देवताओं के लिए जो स्थान बता रखे हैं, लोगों ने वैसे ही अपने घरों में देवताओं को स्थापित किया है। आप सभी के घर में देवी-देवताओं का मंदिर जरूर होगा। सबसे पहले आपको बता दें कि घर के मंदिर को हमेशा ही साफ रखना चाहिए। मंदिर में किसी भी तरह की खंडित मूर्ति ना रखें। हम आपको ऐसे देवी-देवताओं के बारे में बताएंगे जिनकी पूजा घर पर नहीं होनी चाहिए। 1. भैरव देव:   भैरव देव भगवान शिव के एक अवतार हैं। भैरव देव की मूर्ति कभी भी अपने घर के मंदिर में नहीं रखनी चाहिए। अब आप बोलेंगे कि ऐसा क्यों है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भैरव तंत्र विद्या के देवता माने जाते हैं। भैरव देव की पूजा करनी चाहिए, परंतु घर के अंदर ऐसा नहीं करना चाहिए। 2. नटराज: कुछ लोग ऐसे होंगे जो नटराज जी की मूर्ति को घर में रखते होंगे। नटराज की मूर्ति देखने में तो बहुत सुंदर लगती है।यह मूर्ति भगवान शिव के रौद्र रूप की है। नटराज की मूर्ति को आप भूल कर भी घर के अंदर ना रखें, क्योंकि नटराज भगवान शिव के रौद्र रूप में है यानी भगवान शिव के क्रोधित रूप में ह

छात्रों में अनुशासनहीनता

छात्रावस्था अवोधावस्था होती है, इसमें न बुद्धि परिष्कृत होती है और न विचार। पहले वह माता-पिता तथा गुरुजनों के दबाव से ही कर्त्तव्य पालन करना सीखता है। माता-पिता एवं गुरूजनों के निमंत्रण में रहकर नियमबद्ध रूप से जीवनयापन करना ही अनुशासन कहा जा सकता है। अनुशासन विद्यार्थी जीवन का सार है। अनुशासनहीन विद्यार्थी न तो देश का सभ्य नागरिक बन सकता है और न अपने व्यक्तिगत जीवन में हो सफल हो सकता है।

भाषा सर्वेक्षण पर कालजयी किताब है भारत का भाषा सर्वेक्षण एवं भोजपुरी

भाषा सर्वेक्षण और भोजपुरी के संदर्भ में पृथ्वीराज सिंह द्वारा रचित पुस्तक 'भारत का भाषा सर्वेक्षण एवं भोजपुरी' एक कालजयी किताब है, जो गहन शोध पर आधारित एक श्रमसाध्य कार्य है । इस किताब का व्यापक महत्व है। उक्त बातें इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष सह वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय ने 'भारत का भाषा सर्वेक्षण एवं भोजपुरी' किताब के अनावरण सह परिचर्चा कार्यक्रम में कहीं। अनावरण सह परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र के उमंग सभागार में संपन्न हुआ।

विद्यालय का वार्षिकोत्सव

उत्सव मनुष्य के जीवन में आनंद और हर्ष का संचार करते हैं। विद्यालय का वार्षिकोत्सव विद्यार्थियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। यही वह अवसर है जब विद्यार्थी अपनी-अपनी प्रतिभाओं को दिखा सकते हैं। विद्यालय का यह उत्सव प्रायः दिसंबर मास के आस-पास मनाया जाता है। इसकी तैयारी एक महीने पूर्व ही प्रारंभ हो जाती है। इस उत्सव में विद्यालय के सभी छात्र-छात्राएँ तथा अध्यापक अध्यापिकाएँ अपना-अपना योगदान देते हैं।

फिल्म ‘आ भी जा ओ पिया’ की स्टारकास्ट ने दिल्ली में किया प्रमोशन

हाल ही में अभिनेता देव शर्मा और अभिनेत्री स्मृति कश्यप अपनी आनेवाली फिल्म ‘आ भी जा ओ पिया’ के प्रमोशन के सिलसिले में दिल्ली पहुंचे। कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली के पीवीआर प्लाजा में किया गया। यह फिल्म 7 अक्टूबर, 2022 को रिलीज होगी।