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आयुष में अनुसंधान और शिक्षा के लिए एक इंटरएक्टिव सम्मेलन का आयोजन

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) और केन्‍द्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद् ने 10 मई को संयुक्त रूप से आयुष में अनुसंधान और शिक्षा के लिए एक इंटरएक्टिव सम्मेलन का आयोजन किया। बैठक में सभी आयुष राष्ट्रीय संस्थानों, अनुसंधान, परिषदों के प्रमुखों और एमओए के सलाहकारों, एनसीएसआईएम और एनसीएच के अध्यक्ष सहित पांच नव-प्रतिष्ठित नियुक्त वैज्ञानिक और मुख्य अतिथियों में आयुष प्रतिष्ठित वैज्ञानिक अध्यक्ष डॉ. नंदिनी के. कुमार (अंतःविषय नैदानिक अनुसंधान), डॉ. अरविंद चोपड़ा, (सार्वजनिक स्वास्थ्य और महामारी विज्ञान), डॉ. शर्मिला शेखर मांडे (आयुर्वेद बायोलॉजी एंड बेसिक साइंसेज), डॉ. मधु दीक्षित (फार्मास्युटिकल ड्रग डेवलपमेंट) और डॉ. बी.एन. गंगाधर (चेतना और संज्ञानात्मक विज्ञान) आयुष प्रतिष्ठित वैज्ञानिक अध्यक्षों ने भाग लिया।


यह सम्मेलन आयुष मंत्रालय के सचिव राजेश कोटेचा, विशेष सचिव पी.के. पाठक और प्रो (डॉ) तनुजा नेसारी, निदेशक, एआईआईए, प्रो. (वीडी) रविनारायण आचार्य, महानिदेशक (सीसीआरएएस) एमडीएनआईवाई के निदेशक डॉ. ईश्वर वी. बसवराड्डी और मंत्रालय के सभी सलाहकार, राष्ट्रीय संस्थान और अनुसंधान परिषदों के निदेशक  की उपस्थिति में हुई।

इंटरएक्टिव सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य वैचारिक मंथन और अकादमिक और अनुसंधान के मार्ग में अध्यक्षों की विशेषज्ञता और अनुभव से लाभ उठाते हुए  लक्ष्य निर्धारित करना है। प्रतिभागियों ने स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों स्तरों पर आयुष कॉलेजों में अनुसंधान शैसिक पारिस्थितिकी तंत्र पर चर्चा की। बैठक आयुष क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास, शिक्षा और क्षमता निर्माण पर केंद्रित था।

आयुष मंत्रालय के वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि आज हम सभी यहां इसलिए एकत्रित हुए हैं ताकि हम संयुक्त रूप से उत्कृष्ट चेयर की विशेषज्ञता ज्ञान का उपयोग कैसे कर सकते हैं और भविष्य के लिए लक्ष्य स्थापित कर सकें। Covid ने आयुष के लिए उनके विज्ञान का विकास करने का अवसर प्रदान किया था और हमने आयुष 64 जैसे प्रभावशाली दवा का विकास करके यह सिद्ध भी किया।

प्रोफेसर (डॉ.) तनुजा नेसरी, AIIA के निदेशक ने कहा, "यह एक ऐतिहासिक पल है जब प्रशासक, नीति निर्माता, शिक्षा विशेषज्ञ, शोधकर्ता और प्रतिष्ठित वैज्ञानिक एक प्लेटफ़ॉर्म पर एकत्रित हुए  हैं। यह अवसर आयुष मंत्रालय द्वारा प्रदान किया गया है और हम इसके लिए मंत्रालय का आभार प्रकट करते है। हम बहुत समय से साथ काम कर रहे हैं, लेकिन यह हमारी पहली आधिकारिक मुलाकात है, और यह सबसे बड़ा मौका है कि हम एक दूसरे की सफलता की कहानियों से प्रेरणा ले और उससे अपनी कमियों को पूरा करे। यह प्लेटफ़ॉर्म हमें एक आधारित आयुर्वेद का निर्माण करने का अवसर देगा।

प्रो. वैद्य रबीनारायण आचार्य ने कहा कि जब हम आयुष को चीनी वैकल्पिक उपचार पद्धति के साथ तुलना करते हैं, तो इससे हमे ये समझ आता है की आयुर्वेद में बहुत क्षमता है और ये आने वाले समय में बहुत ऊंचाइयों तक जाएगा। कोविड के समय में आयुष प्रणाली ने चीनी चिकित्सा प्रणाली की तुलना में अधिक काम किया है। यह सही समय है हमारे लिए कि हम अपना ध्यान अनुसंधान करने में लगाए और आयुष की सीमा और छमताओ को दुनिया को दिखाए।
आयुष में अनुसंधान और शिक्षा के लिए एक इंटरएक्टिव सम्मेलन का आयोजन

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) और केन्‍द्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद् ने 10 मई को संयुक्त रूप से आयुष में अनुसंधान और शिक्षा के लिए एक इंटरएक्टिव सम्मेलन का आयोजन किया। बैठक में सभी आयुष राष्ट्रीय संस्थानों, अनुसंधान, परिषदों के प्रमुखों और एमओए के सलाहकारों, एनसीएसआईएम और एनसीएच के अध्यक्ष सहित पांच नव-प्रतिष्ठित नियुक्त वैज्ञानिक और मुख्य अतिथियों में आयुष प्रतिष्ठित वैज्ञानिक अध्यक्ष डॉ. नंदिनी के. कुमार (अंतःविषय नैदानिक अनुसंधान), डॉ. अरविंद चोपड़ा, (सार्वजनिक स्वास्थ्य और महामारी विज्ञान), डॉ. शर्मिला शेखर मांडे (आयुर्वेद बायोलॉजी एंड बेसिक साइंसेज), डॉ. मधु दीक्षित (फार्मास्युटिकल ड्रग डेवलपमेंट) और डॉ. बी.एन. गंगाधर (चेतना और संज्ञानात्मक विज्ञान) आयुष प्रतिष्ठित वैज्ञानिक अध्यक्षों ने भाग लिया।

यह सम्मेलन आयुष मंत्रालय के सचिव राजेश कोटेचा, विशेष सचिव पी.के. पाठक और प्रो (डॉ) तनुजा नेसारी, निदेशक, एआईआईए, प्रो. (वीडी) रविनारायण आचार्य, महानिदेशक (सीसीआरएएस) एमडीएनआईवाई के निदेशक डॉ. ईश्वर वी. बसवराड्डी और मंत्रालय के सभी सलाहकार, राष्ट्रीय संस्थान और अनुसंधान परिषदों के निदेशक  की उपस्थिति में हुई।

इंटरएक्टिव सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य वैचारिक मंथन और अकादमिक और अनुसंधान के मार्ग में अध्यक्षों की विशेषज्ञता और अनुभव से लाभ उठाते हुए  लक्ष्य निर्धारित करना है। प्रतिभागियों ने स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों स्तरों पर आयुष कॉलेजों में अनुसंधान शैसिक पारिस्थितिकी तंत्र पर चर्चा की। बैठक आयुष क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास, शिक्षा और क्षमता निर्माण पर केंद्रित था।

आयुष मंत्रालय के वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि आज हम सभी यहां इसलिए एकत्रित हुए हैं ताकि हम संयुक्त रूप से उत्कृष्ट चेयर की विशेषज्ञता ज्ञान का उपयोग कैसे कर सकते हैं और भविष्य के लिए लक्ष्य स्थापित कर सकें। Covid ने आयुष के लिए उनके विज्ञान का विकास करने का अवसर प्रदान किया था और हमने आयुष 64 जैसे प्रभावशाली दवा का विकास करके यह सिद्ध भी किया।

प्रोफेसर (डॉ.) तनुजा नेसरी, AIIA के निदेशक ने कहा, "यह एक ऐतिहासिक पल है जब प्रशासक, नीति निर्माता, शिक्षा विशेषज्ञ, शोधकर्ता और प्रतिष्ठित वैज्ञानिक एक प्लेटफ़ॉर्म पर एकत्रित हुए  हैं। यह अवसर आयुष मंत्रालय द्वारा प्रदान किया गया है और हम इसके लिए मंत्रालय का आभार प्रकट करते है। हम बहुत समय से साथ काम कर रहे हैं, लेकिन यह हमारी पहली आधिकारिक मुलाकात है, और यह सबसे बड़ा मौका है कि हम एक दूसरे की सफलता की कहानियों से प्रेरणा ले और उससे अपनी कमियों को पूरा करे। यह प्लेटफ़ॉर्म हमें एक आधारित आयुर्वेद का निर्माण करने का अवसर देगा।

प्रो. वैद्य रबीनारायण आचार्य ने कहा कि जब हम आयुष को चीनी वैकल्पिक उपचार पद्धति के साथ तुलना करते हैं, तो इससे हमे ये समझ आता है की आयुर्वेद में बहुत क्षमता है और ये आने वाले समय में बहुत ऊंचाइयों तक जाएगा। कोविड के समय में आयुष प्रणाली ने चीनी चिकित्सा प्रणाली की तुलना में अधिक काम किया है। यह सही समय है हमारे लिए कि हम अपना ध्यान अनुसंधान करने में लगाए और आयुष की सीमा और छमताओ को दुनिया को दिखाए।

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