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Showing posts from July, 2022

रेलवे प्लेटफॉर्म का दृश्य

आज एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए अत्यंत तीव्रगामी साधन उपलब्ध हैं, परंतु रेलगाड़ी का अपना ही महत्व है। इतनी अधिक संख्या में भिन्न-भिन्न स्थानों पर रुककर यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने वाला यातायात का ऐसा कोई अन्य साधन नहीं है, जिसकी तुलना रेलगाड़ी से की जा सके।

ग्राम्य जीवन

किसी कवि ने ठीक ही कहा है 'है अपना हिंदुस्तान कहाँ, वह बसा हमारे गाँवों में।' भारत माता ग्रामवासिनी है। भारत की 75 प्रतिशत जनता गाँवों में निवास करती है, इसीलिए भारत को 'गाँवों का देश' कहा जाता है। गाँव ही भारत की आत्मा हैं। जिस प्रकार आत्मा की स्वस्थ स्थिति पर सारे शरीर की उन्नति निर्भर होती है, उसी प्रकार भारत की उन्नति उसके गाँवों की उन्नति पर निर्भर है। एक समय था जब

महारानी चंद्रिका

यह कहानी १९०३ की है जब अंग्रेज हिंदुस्तान पर अपने अधिकार के सर्वोपरि मुकाम पे थे। उस समय बिहार के जबलपुर गाँव में महारानी चंद्रिका की सेना अपनी डेरा बसाए हुए थी। वे और उनकी सेना आधुनिक से आधुनिकतम हथियारों के इस्तेमाल से वाकिफ़ थे। और यही प्रधान वजह थी कि महारानी के एक हजार सैन्य ब्रिटिश जनरलों को चैन से सोने नहीं देते थे। उनकी बड़ी से बड़ी सेना भी चंद्रिका के कौशलपूर्वक छापामारा हमलों के सामने घुटने टेकने पर मजबूर हो जाते थे। परंतु इस बार

छात्रों में अनुशासनहीनता

छात्रावस्था अवोधावस्था होती है, इसमें न बुद्धि परिष्कृत होती है और न विचार। पहले वह माता-पिता तथा गुरुजनों के दबाव से ही कर्त्तव्य पालन करना सीखता है। माता-पिता एवं गुरूजनों के निमंत्रण में रहकर नियमबद्ध रूप से जीवनयापन करना ही अनुशासन कहा जा सकता है। अनुशासन विद्यार्थी जीवन का सार है। अनुशासनहीन विद्यार्थी न तो देश का सभ्य नागरिक बन सकता है और न अपने व्यक्तिगत जीवन में हो सफल हो सकता है।

भारतीय प्रतिभा पलायन : एक क्षय

भारत के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का विश्व समाज में अलग ही दर्जा है। भारत के विद्यार्थी विश्वभर में प्रसिद्ध हैं। अपने शैक्षिक गुणों के लिए भारतीय विद्यार्थियों की निपुणता देखकर विश्व भर के वैज्ञानिक एवं शिक्षक अचंभे में पड़ जाते हैं। यह एक प्रमाण है भारतीय दिमाग की उत्कृष्टता का पर यह संपदा भारत से दूर भाग रही है। भारत से हर साल प्रतिभाओं का पलायन होता है और उस पलायन की वजह से भारत का उत्कृष्ट मानव संपद का भंडार धीरे-धीरे खाली हो रहा है।