देशभर के कवियों और साहित्य प्रेमियों के लिए एक गर्व का मौका रहा जब “ऑपरेशन सिंदूर काव्य प्रतियोगिता” के नतीजों की घोषणा हुई। H B Poetry द्वारा आयोजित इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारत के 28 राज्यों से करीब 3500 कवियों ने हिस्सा लिया, जिसमें से 361 कविताओं को अंतिम चयन सूची में जगह मिली।
तीन महीने तक चली इस प्रतियोगिता में ओज, वीर रस और श्रृंगार से भरी शानदार रचनाओं की बौछार देखने को मिली। निर्णायक मंडल में साहित्य जगत के दिग्गज- प्रख्यात कवि गजेंद्र सिंह सोलंकी, चर्चित कवि सुदीप भोला, और सुप्रसिद्ध गीतकार चरणजीत सिंह चरण शामिल रहे। इन विशेषज्ञों ने निष्पक्ष मूल्यांकन के बाद विजेताओं का चयन किया।
विजेताओं की सूची:
प्रथम पुरस्कार (₹25,000) – डॉ. ओंकार त्रिपाठी (दिल्ली)
द्वितीय पुरस्कार (₹15,000) – दिव्यांश पॉटर मासूम (कोटा, राजस्थान)
तृतीय पुरस्कार (₹11,000) – डॉ. अमृता अमृत (दिल्ली)
इन तीनों को न केवल नकद राशि दी जाएगी, बल्कि एक सम्मान पत्र (प्रशस्ति पत्र) से भी सम्मानित किया जाएगा।
50 प्रेरणादायक कवियों को विशेष पुरस्कार:
प्रतियोगिता में शामिल शानदार और प्रेरणादायक रचनाओं को देखते हुए 50 कवियों को विशेष पुरस्कार देने की घोषणा भी की गई है। ये कवि विभिन्न राज्यों से हैं और इनकी रचनाएं समाज के विविध भावों को प्रस्तुत करती हैं। कुछ प्रमुख नामों में शामिल हैं:
गार्गी कौशिक (दिल्ली),
राजीव कुमार पांडेय (दिल्ली),
मनीष शर्मा (बस्ती, उत्तर प्रदेश),
उमा विश्वकर्मा (कानपुर),
स्नेहलता पांडे, सरिता गुप्ता, अशोक सम्राट, प्रशांत जामलिया, कपिल कुमार झा, प्राची प्रवीण कुलकर्णी, शुभ बरनवाल, दीपक राजा, आदि।
आयोजन का उद्देश्य और भविष्य की योजनाएं:
H B Poetry के प्रमुख आयोजक डॉ. हरीश चंद्र बर्णवाल ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य केवल कविता प्रतियोगिता कराना नहीं था, बल्कि नए और पुराने कवियों को एक राष्ट्रीय मंच देना था। यह मंच युवाओं को हिंदी साहित्य से जोड़ने और नवोदित प्रतिभाओं को आगे लाने का माध्यम बना।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि प्रतियोगिता में चयनित कविताओं का एक संकलन जल्द ही प्रभात प्रकाशन से प्रकाशित किया जाएगा। साथ ही, भविष्य में इस तरह के और भी बड़े साहित्यिक आयोजनों की योजना है, जिससे हिंदी कविता को नया जीवन और नई पहचान मिल सके।
“ऑपरेशन सिंदूर काव्य प्रतियोगिता” केवल एक कविता प्रतियोगिता नहीं, बल्कि हिंदी साहित्य के उत्सव का प्रतीक बन गई है। इतने बड़े पैमाने पर कवियों की भागीदारी इस बात का संकेत है कि कविता आज भी समाज में भावनाओं की सबसे सशक्त आवाज बनी हुई है।
“ऑपरेशन सिंदूर काव्य प्रतियोगिता” के बारे में कोई भी सुझाव आप कमेंट में दे सकते हैं।
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