राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD) के पेशेवर रंगमंच दल, रंगमंडल ने अपने बहुप्रतीक्षित ग्रीष्मकालीन नाट्य समारोह 2025 की घोषणा कर दी है। यह 38 दिनों तक चलने वाला थिएटर फेस्टिवल 6 जून से 13 जुलाई 2025 तक दिल्ली के NSD परिसर में आयोजित होगा। इस दौरान रंगमंडल अपने 11 प्रतिष्ठित नाटकों के
साथ एक खास संगीतमय संध्या ‘रंग संगीत’ भी पेश करेगा।समारोह की शुरुआत ‘थीव्स कार्निवल’ नाटक से होगी, जिसे जीन अनुइल ने लिखा और अवतार साहनी ने निर्देशित किया है। समापन ‘समुद्र मंथन’ से होगा, जिसे आसिफ अली ने लिखा और चित्तरंजन त्रिपाठी ने निर्देशित किया है।
फेस्टिवल में शामिल अन्य प्रमुख नाटक हैं:
अभिज्ञान शकुंतलम् (निर्देशक: प्रो. विदुषी रीता गांगुली)
बायेन (निर्देशक: उषा गांगुली)
माई री मैं का से कहूं (निर्देशक: अजय कुमार)
लैला मजनूं (निर्देशक: प्रो. राम गोपाल बजाज)
बंद गली के आखिरी मकान (निर्देशक: प्रो. देवेंद्र राज अंकुर)
बाबूजी (निर्देशक: राजेश सिंह)
अंधा युग (निर्देशक: प्रो. राम गोपाल बजाज)
ताजमहल का टेंडर (निर्देशक: चित्तरंजन त्रिपाठी)
आधे-अधूरे (निर्देशक: त्रिपुरारी शर्मा)
इस बार का सबसे बड़ा आकर्षण है ‘ताजमहल का टेंडर’, जो 25 साल बाद लौट रहा है। इसमें इसके मूल कलाकार चित्तरंजन त्रिपाठी और टीवी एंकर व अभिनेता श्रीवर्धन त्रिवेदी फिर से अपनी भूमिकाएं निभाएंगे। वहीं, ‘आधे-अधूरे’ नाटक में भी 30 साल बाद पुराने कलाकार रवि खानविलकर और प्रतिमा काज़मी की वापसी होगी।
फेस्टिवल में ‘रंग संगीत’ नामक एक संगीतमय संध्या भी होगी, जिसमें NSD रंगमंडल के कलाकार रंगमंच की कालजयी संगीतमय प्रस्तुतियां देंगे। इसका निर्देशन लोकेन्द्र त्रिवेदी करेंगे।
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक, श्री चित्तरंजन त्रिपाठी ने कहा, “ग्रीष्मकालीन नाट्य समारोह दिल्ली के प्रमुख थिएटर उत्सवों में से एक है। इसमें अलग-अलग तरह की सामग्री और प्रदर्शन शैलियां देखने को मिलती हैं, जिससे दर्शकों को मनोरंजन के साथ-साथ सीखने का भी मौका मिलता है।”
रंगमंडल प्रमुख, श्री राजेश सिंह ने बताया, “देश-विदेश में प्रस्तुति देने के बाद दिल्ली में परफॉर्म करना हमारे लिए बेहद खास है। हमें उम्मीद है कि दिल्ली-NCR के दर्शक इस समारोह का भरपूर आनंद लेंगे।”
फेस्टिवल के सभी नाटक NSD के दिल्ली परिसर में दोपहर 3:30 बजे और शाम 7:00 बजे मंचित किए जाएंगे। थिएटर प्रेमियों के लिए यह समारोह एक यादगार अनुभव बनने जा रहा है।
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