पचाढ़ी नवोदय विद्यालय में जतिन गौतम की मौत: गुस्से में लोग, हत्या के आरोप में घिरा स्कूल प्रशासन

बिहार में दरभंगा के पचाढ़ी स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में आठवीं के बच्चे जतिन गौतम की संदिग्ध मौत से इलाके में हड़कंप मच गया है। जतिन का शव हॉस्टल के कमरे में पंखे से लटकता मिला, लेकिन उसके हाथ-पैर बंधे थे। ऐसे में परिवार वाले खुलकर कह रहे हैं कि ये आत्महत्या हो ही नहीं सकती, ये साफतौर पर हत्या है।

 


बताया जा रहा है कि घटना की सूचना मिलते ही जब जतिन गौतम के परिजन जवाहर नवोदय विद्यालय पचाढी पहुंचे, तो परिवार को शव दिखाने के बजाय उन्हें हॉस्टल से भगाने की कोशिश की गई।


इसको लेकर रैयान थाने का रवैया भी लोगों को हजम नहीं हो रहा है। परिजनों का साफ कहना है कि  रैयाम पुलिस ने परिवार के लोगों को बच्चे को ठीक से देखने तक नहीं दिया। बिना FSL टीम के आने से पहले जतिन को फंदे से उतारकर उसी कपड़े से लपेट दिया गया। ताकि साक्ष्य मिट जाए ।'

विद्यालय में विद्यार्थी की मौत से इलाके में सनसनी फैल गई और आसपास के गांव के लोग भी वहां पहुंच गए। लोगों ने पुलिस के रवैये का विरोध किया। जिसपर पुलिस ने इन लोगों के साथ भी जोर-जबरदस्ती की। अचरज की बात यह है कि मामले में तह तक जाने के बजाय रैयाम थानाध्यक्ष ने मामले की जांच की मांग कर रहे लोगों पर ही मामले दर्ज कर दिए हैं। पुलिस ने 21 लोगों को नामजद किया है और 1500 अज्ञात लोगों पर भी मामला दर्ज किया है।

घटना के बाद ग्रामीणों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने पुलिस और प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया और निष्पक्ष जांच की मांग की। लोगों के विरोध प्रदर्शन के बाद SIT का गठन कर दिया गया है, लेकिन परिजनों के अलावा इलाके के लोगों ने मांग की है कि इस पूरे मामले की सीबीआई जांच हो, दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए और स्कूल प्रशासन पर कड़ी कार्रवाई की जाए। 





मामले को लेकर परिजन साफ कह रहे हैं कि प्रिंसिपल मो. शाकिर और वार्डन ने पूरे मामले को छुपाने की कोशिश की और टाइम पर सूचना भी नहीं दी। इतना ही नहीं परिजनों का आरोप है कि जतिन का शव अपने बेड पर नहीं, बल्कि किसी अन्य छात्र के बेड के पास संदिग्ध हालत में मिला था।

 

परिवार का आरोप है कि जतिन की मौत से पहले उसने घर पर फोन कर बताया था कि हॉस्टल के सीनियर लड़के उसे बुरी तरह डराते-धमकाते हैं और मारते-पीटते हैं, जिससे वह बेहद डरा हुआ है। जतिन के माता-पिता स्कूल प्रशासन पर हत्या की साजिश और लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर स्कूल और प्रशासन ने वक्त पर कार्रवाई की होती तो 13 साल के मासूम की जिंदगी बच सकती थी।


 

जतिन गौतम के पिता संतोष कुमार का कहना है कि मेरा बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा, लेकिन किसी और के बेटे के साथ ऐसी घटना न हो इसके लिए सीबीआई जांच जरूरी है। संतोष कुमार का कहना है कि 7 जुलाई 2025 की रात 9:45 बजे जतिन ने मुझे और अपनी मां को फोन कर कहा “पापा-मम्मी, कल आइए, मुझे आपसे जरूरी बात करनी है।” जब उन्होंने पूछा कि क्यों तो जतिन ने कहा कि “मुझे मेरा क्लासमेट बहुत परेशान करता है। मैं यहां नहीं रहना चाहता।” इस पर संतोष जी ने कहा कि कल मैं आकर प्रिंसिपल से बात करूंगा।

अगले दिन 8 जुलाई 2025 की सुबह जतिन 5:30 बजे की PT में नहीं पहुंचा, 7:15 बजे नाश्ते में भी नहीं गया, 8:00 बजे की असेंबली में भी अनुपस्थित रहा, जबकि नवोदय विद्यालय में हर गतिविधि में अटेंडेंस होती है, फिर भी किसी शिक्षक, वार्डन या प्राचार्य ने उसे खोजने की जरूरत नहीं समझी?

संतोष कुमार का कहना है कि स्कूल के छात्रों ने बताया कि जतिन ने कहा था- मेरी तबियत ठीक नहीं है। पर किसी ने मेडिकल चेकअप, जानकारी या गार्जियन को सूचित करने की कोशिश क्यों नहीं की? यह लापरवाही नहीं, साजिश है। सबसे चौंकाने वाली बात संतोष जी की बेटी- जो उसी नवोदय विद्यालय में कक्षा 11 में पढ़ती है,उसे घटना के दिन 8 जुलाई को सुबह 10 बजे दरभंगा भेज दिया गया, यह कहकर कि “दैनिक भास्कर से सर्टिफिकेट लेना है। जबकि स्कूल प्रशासन जानता था कि वह जतिन की सगी बहन है, उसके सामने सच्चाई छिपाकर उसे स्कूल से बाहर क्यों भेजा गया?


 


संतोष कुमार का कहना है कि इन तथ्यों से स्पष्ट प्रतीत होता है कि:

✅ जतिन कुछ गंभीर जानकारी बताने वाला था, जिसे स्कूल प्रशासन नहीं चाहता था कि वह बाहर आए
✅ उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया था
✅ घटना को आत्महत्या का रूप दिया जा रहा है
✅ स्कूल ने एक जान बचाने की बजाय उसे छुपाने का प्रयास किया
✅ उसकी बहन को जानबूझकर दूर भेजा गया – ताकि कोई गवाह न हो



लोगों ने आरोप लगाया कि स्कूल से जुड़े कई जिम्मेदार कर्मचारी घटना के तुरंत बाद लापता मिलें, जिससे प्रशासन की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है। लोग स्थानीय प्रशासन पर मामले की लीपापोती का भी आरोप लगा रहे हैं। केवटी पंचायत, जतिन के गांव और स्कूल के आसपास के इलाकों में लोग सरकार, स्कूल प्रशासन और पुलिस से नाखुश हैं। 

लोग मान रहे हैं कि व्यवस्था और सुरक्षा में भारी चूक हुई है, जिसके चलते 13 साल के छात्र की जान गई। इस घटना ने जिलेभर में शोक, चिंता और अविश्वास का माहौल खड़ा कर दिया है। बार-बार हर जगह यही मांग उठ रही है कि जतिन को न्याय मिले और भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रशासनिक स्तर पर सख्त कदम उठाए जाएं। 


परिवार की ओर से दरभंगा एसएसपी को दिया गया आवेदन-





 

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